Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

कविता : हम भी तो हैं....

हमें फॉलो करें कविता : हम भी तो हैं....
webdunia

अर्चना शर्मा

जब भी आंखें खोलतीं हूं, नन्हे-नन्हे सपने बुनती हूं,
उन्हें साकार करने के लिए, छोटे छोटे कदम बढ़ाती हूं,
कभी आकाश बनकर ,तो कभी धरती बनकर समाज को सींचती हूं 
हूं शक्ति का एक रूप फिर भी, अबला कहलाती हूं 
ज़िन्दगी के हर रंग में हूं मैं मौजूद, 
फिर भी कहने को हूं मज़बूर ...... हम भी तो हैं.... 
 
webdunia
चित्र सौजन्य : अर्चना शर्मा

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

कूटनीति की शतरंज पर भारत की प्रभावी चालें