Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

कहां हैं घोटाले?

हमें फॉलो करें कहां हैं घोटाले?
webdunia

डॉ. रामकृष्ण सिंगी

मत उछालो बात अब घोटालों की
घोटाले तो सचमुच कहीं होते नहीं।
आम-जन का हुआ यह विश्वास दृढ़,
बात यह ही है सही, कही-अनकही।।
 
सौ बरस भी करते रहोगे खोज तो,
एक घोटाला न कहीं तुम पाओगे।
पीढ़ियां लग जाएंगी इस खोज में,
और फिर भी ढूंढते रह जाओगे।।
 
हमारी चिन्तनशील उदार न्याय व्यवस्था में,
हर जांच है एक बीस वर्षी योजना।
बस यही एक सजा है आरोपी अपराधी की,
इस अवधि में है उसे सोना मना।।
 
अब बदल दो नाम इन घोटालों का,
कहो इनको 'मार्जिनल एडजस्टमेंट'
ये (घोटाले) तो हैं बड़े पदों की कुर्सियों के पाए,
उन पदों की (प्रच्छ्न्न)' महिमा के एनलार्जमेंट'।।
 
सोचिए! यदि खत्म घोटाले हुए,
आमजन का जीवन-रस खो जाएगा।
वह अपनी बेबसी पर करने को प्रलाप,
इतना सुविधाजनक बहाना कहां पाएगा।।
 
ये घोटाले ही हमारी दैनिक उत्सुकता,
खीझ, निराशा, (नपुंसक) क्रोध के लिए मसाले हैं।
मनरेगा से पल रही झोपड़ियों के अंधेरे हैं,
रसूखधारियों की पीढ़ियों के उजाले हैं।।
 
(छोटी मछलियां ही फंसेंगी जाल में,
उनको तो सब भून कर खा जाएंगे।
बड़ी मछलियों का तो है समुन्दर पे राज,
पकड़ने वाले जाल ही फट जाएंगे।)

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

नया साल लाए हैं