प्रभु मैं, तेरी प्रार्थना करूँ यातुझसे प्रार्थना करूँ?तेरी प्रार्थना करूँ तोकेवल शब्द होंगेमेरी महिमा का वर्णन होगातेरी लीला के गीत होंगे और यदितुझसे प्रार्थना करूँ तो,मेरी इच्छाएँ होंगी, मेरी माँगें होंगी।प्रभु, आशीर्वाद दे - किमेरी प्रार्थना में केवलतुझे देने को कुछ हो,तेरे संग चलने का जज्बा होउसमें न शर्त हो, न अधिकार होकेवल धन्यवाद हो। मेरी प्रार्थना में तेरी रजा में, मेरी रजा होतेरा हर कदम मेरी भलाई का हैयही विश्वास हो।और प्रभु।मैं तुझे कुछ देना भी चाहूँ तो क्या दूँ?सारा संसार तो तेरा हैसारी सृष्टि तेरी है,तेरा तुझको अर्पण किया तो क्या किया।मेरे पास तो प्रभु,मेरा निर्मित केवल एकअहंकार ही है
वही मैं तुझे अर्पित करूँ
और उसी के साथ
पूरी की पूरी समर्पित हो जाऊँ
तू, तू न रहे मैं, मैं न रहूँ
यही मेरी प्रार्थना है।
साभार : लेखिका 08