Dharma Sangrah

Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

यादें : दस कविताएँ

Advertiesment
हमें फॉलो करें यादें : दस कविताएँ
डॉ.रवीन्द्र नारायपहलवा
WDWD

यादें -1
तब से अभी तक
उसी कॉफी हाऊस की
उसी टेबल पर
किसी भी शाम
तुम आती ,
तो मैं मिलता वहाँ,
तुम्हारी याद के साथ।

यादें -2
तुम्हें
याद करना आता नहीं
और मुझे भूलना।

यादें -3
याद के साथ
जुड़ी हैं
बहुत सारी उम्मीदें
और यही उम्मीदें तो
हमें जिंदा रखे हैं।

यादें -4
हम में
न थी कोई बात
कि तुम हमें करो, याद।
तुम में
हैं वे ढेर सारी बातें।
बस इसी कारण
हम तुम्हें भूल नहीं पाते।

यादें -5
तुम्हारी याद
एक चित्र है
जिसमें झरना है
जो बहता है।
जिसमें चिड़िया है
जो चहकती है।
जिसमें हवा है
जो बहती है।
जिसमें चाँद है,
जो चमकता है।
और भी
बहुत कुछ है।
जिसमें नहीं हो, तो
बस, तुम।

webdunia
WDWD
यादें -6
तुम
चुन-चुनकर
अपना
एक-एक सामान,
यहाँ से ले गए।
तुम्हारी याद
अभी भी
मेरे पास ही है।
उसे ले जाओ
तब जानें।

यादें-7
आज शाम
घर लौटते वक्त
एक नई किताब
खरीद कर लाया।
जिसमें
तुम्हारी भी
एक कविता है।
एक बार
याद फिर
ताजा हो गई।

यादें -8
उनने मुझसे पूछा-
क्यों करते हो याद?
मैंने कहा -
याद करना
और
याद न करना,
इन दोनों पर
मेरा बस कहाँ?

यादें- 9
कितना अच्छा हो हम सब कुछ भूल जाएँ,
कुछ भी न रहे याद
और
शुरू करें, फिर,
क ख ग से।

यादें -10
जब कोई उम्मीद ही नहीं तो
याद करने से फायदा ही क्या?

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi