नंदकिशोर आचार्य
एक दुनिया मैं
शब्दों की बना रहा हूँ
मेरी-उसकी दुनिया ।
कल्पना कहती है वह उसे
हक़ीकत नहीं होते शब्द ।
पर वह उसे कुछ नहीं कहती
यह सारी दुनिया
शब्द से जिसने बनाई है ।
बल्कि प्रार्थना करती है उसकी
मेरी कल्पना ही सही
उसे वह हक़ीकत कर दे।
साभार : अक्षरा