Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

लघुकथा : लेडिज सीट

Advertiesment
हमें फॉलो करें लघुकथा : लेडिज सीट
इतिश्री सिंह राठौर 
 
खड़ी-खड़ी बस का इंतजार कर रही थी घंटों से। बस आई। खचाखच भरी हुई। बड़ी मुश्किल के बाद रूपा चढ़ी लेकिन खड़े होने की भी जगह नहीं थी। कभी किसी का हाथ रूपा के कंधे पर जाता तो कभी किसी का हाथ उसकी छाती पर... 


 
उसके साथ चार-पांच लड़कियां और खड़ी थीं। बड़ी  ही असमंजस की स्थिति थी। रूपा सीट पर नजर डाल रही थी कहीं कोई उठ कर चला जाए तो वह बैठे लेकिन जैसे सभी बर्फ हो गए हो। तभी अचानक रूपा ने देखा,  
 
यह क्या!
 
 लेडिज सीट पर लड़के बैठे हुए हैं। रूपा को गुस्सा आया। उसने कंडक्टर को बुला कर कहा, आपको दिखाई नहीं देता यह लोग लेडिज सीट पर बैठे हैं और लेडिज खड़ी हैं...
 
तभी किसी की आवाज आई लो देख लो आ गई झांसी की रानी..

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi