Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

परिवार का चिराग और चार पोंछन

मंगला रामचन्द्रन

Advertiesment
हमें फॉलो करें परिवार का चिराग और चार पोंछन
NDND
बहुत दिनों बाद गिरीश भाई सपरिवार हमारे घर आए थे। उनके आने से हमारे यहाँ चहल-पहल सी हो जाती है मानो कोई उत्सव हो। आज जब आए तो पड़ोस में लाउडस्पीकर पर जमकर फिल्मी गीतों की बारिश हो रही थी। अपनी आदतानुसार बोले, 'यार, मेरे आने से इतना खुश हो जाता है कि गाने-बजाने का आयोजन कर‍ दिया।'

उसकी हाजिरजवाबी से हमेशा की तरह लाजवाब हो जाता हूँ और वह मेरे चेहरे पर खुशी का जज्बा पढ़ लेता है। पड़ोस से गाने की आवाजें इतनी तेज थीं कि दो-चार मिनट में ही समझ आ गया कि आपस में बातें करना नामुमकिन है। आखिर दोनों परिवार मिलकर दूर पिकनिक पर निकल पड़े, तब जाकर सुकून मिला।

गिरीश भाई ने पूछा, 'तेरे पड़ोस में शादी या सगाई है क्या?'
मैं हमेशा की तरह कुछ सोचकर चुटीले अंदाज में बोला, 'उनके यहाँ पुरखों को तारने वाला, समस्त पुण्यों को प्राप्त करवाने वाला, खानदान को चलाने वाला परिवार का चिराग आ गया।'

'क्या अलादीन का चिराग मिल गया या 'ऑल इन वन' टाइप की कोई चीज?' अपने मस्तमौला अंदाज में गिरीश भाई ने पूछा। मेरी पत्नी तो तैश में थी ही, 'भाई साहब, आप समझे नहीं, उनके यहाँ चार पोंछन के बाद बेटा हुआ है।'

क्या भाभीजी, आप लड़कियों को पुत्रियाँ नहीं बोल सकतीं?'

webdunia
NDND
मैं तो बेटियों को कन्या-रत्न, बिटिया रानी ही बोलती हूँ। ये झाडू-पोंछन तो उनके पिता के शब्द हैं।' हमेशा के हँसमुख गिरीश भाई के चेहरे की रंगत देखकर मुझे दया आ गई। स्थिति को हल्का करने के लिए बोला, छोड़ यार, हम अपना मूड क्यों खराब करें। मोहनजी को जरा भी समझ होती तो यों बीवी की जान दाँव पर लगाकर पुत्र प्राप्त करने की चेष्टा नहीं करते।'

'अच्छा यह बता, ये तेरे मोहनजी जो हैं, उनके पास बहुत पैसा या जायदाद है क्या, जिसे सँभालना हो?'

मेरी पत्नी झट से बोली, हाँ-हाँ, कितना कुछ है, एक बीमार माँ, समय से पहले बूढ़ा होता पिता और चार बड़ी बहनों की जिम्मेदारी। पैदा होते ही बेटा बड़ा हो गया।' उसकी आवाज में कटुता साफ झलक रही थी।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi