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पड़ोसी का दुख

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शैल चन्द्र
NDND
'सुनोजी, शॉपिंग मॉल से लौटते हुए हम दत्ता साहब के यहाँ भी बैठ आएँगे। कल उनकी पत्नी चल बसीं।' मिसेज खुराना अपने पति से कह रही थी।

पति ने कहा, -'हम तो शॉपिंग मॉल से सामान वगैरह भी खरीदेंगे? उसका क्या?'

पत्नी ने समझदारी दिखाते हुए कहा, 'अरे! सारा सामान कार में पड़ा रहेगा। हम केवल पाँच मिनट के लिए उन्हें 'मुँह दिखाकर आ जाएँगे। नहीं तो लोग कहेंगे पड़ोसी के दुख में भी शामिल नहीं हुए।

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