Chaitra Vinayak Chaturthi 2023: प्रत्येक माह में दो चतुर्थी होती है। इस तरह 24 चतुर्थी और प्रत्येक तीन वर्ष बाद अधिमास की मिलाकर 26 चतुर्थी होती है। कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी और शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी कहते हैं। चैत्र माह की विनायक चतुर्थी का विशेष महत्व है, क्योंकि इस व्रत में विघ्नहर्ता की पूजा के साथ मां दुर्गा की चौथी शक्ति मां कूष्मांडा की आराधना भी की जाती है।
- यदि चतुर्थी गुरुवार को हो तो मृत्युदा होती है और शनिवार की चतुर्थी सिद्धिदा होती है और चतुर्थी के 'रिक्ता' होने का दोष उस विशेष स्थिति में लगभग समाप्त हो जाता है।
- चतुर्थी को पूर्णोपवास नहीं रख रहे हैं तो एक समय भोजन कर सकते हैं।
- गणेशजी की पूजा के बाद मां कूष्मांडा की विधिवत पूजा करें।
- इस दिन गणेशजी की पूजा विधिवत करने से उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है।
- पूजा के समय गणेश मंत्र का उच्चारण करें। ॐ गणेशाय नम:
- मंत्र उच्चारण और आवाहन के बाद दूर्वा, फूल, चंदन, दही, पान का पत्ता और मिठाई आदि भगवान गणेश को अर्पित करें।
- इतना करने के बाद धूप-दीप जलाकर विनायक चतुर्थी कथा का पाठ करें।
- पाठ के बाद भगवान गणेश की आरती कर प्रसाद का वितरण करें।
- लाल रंग का गुडहल का फूल गणपति को अति प्रिय है। गौरी पुत्र गणेश की आराधना गुड़हल, चांदनी, चमेली या पारिजात के फूलों से करने पर बुद्धि और विद्या में वृद्धि होती है।