Chaturmas 2024 kab se shuru ho raha hai: चातुर्मास अर्थात 4 माह की वह कलावधि जबकि देवशयनी एकादशी के दिन देव सो जाते हैं। इस दौरान किसी भी प्रकार के मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं। यह समय व्रत, उपवास और साधना का होता है। चार माह सावन, भादौ, अश्विन और कार्तिक माह बाद देव उठनी एकादशी पर जब देव जाग जाते हैं तब मांगलिक कार्य और उत्सव का समय प्रारंभ होता है। इस बार 17 जुलाई 2024 बुधवार के दिन देवशयनी एकादशी रहेगी। आषाढ़ शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवशयनी एकादशी कहते हैं।
चातुर्मास में क्या करें- chaturmas me kya karna chahiye :
1. व्रत : कुछ लोग चार माह तक एक समय भी भोजन करते हैं, जबकि साधक लोग फलाहार ही लेते हैं। इस दौरान राजसिक और तामसिक खाद्य पदार्थों का त्याग कर देते हैं। व्रत को खंडित नहीं करना चाहिए। नियम का पालन कर सको तभी चतुर्मास करना चाहिए।
2. तप : इस दौरान साधक लोग, फर्श या भूमि पर ही सोते हैं। प्रतिदिन ध्यान, साधना या तप करते हैं। साधुजन योग, तप और साधना करते हैं आमजन भक्ति और ध्यान करते हैं।
3. संयम : चार माह ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए। ऐसा करने से शक्ति का संचय होता है।
4. मौन : इन चार माह साधक लोग मौन ही रहते हैं। मौन से मन की शक्ति बढ़ती है।
5. दिनचर्या : प्रतिदिन अच्छे से स्नान करते हैं। उषाकाल में उठते हैं और रात्रि में जल्दी सो जाते हैं।
6. पूजा-प्रार्थना : नित्य सुबह और शाम को प्रार्थना, पूजा या संध्यावंदन करते हैं। नित्य विष्णुजी का ध्यान करते हैं। विष्णु जी के साथ ही लक्ष्मी, शिव, पार्वती, गणेश, पितृदेव, श्रीकृष्ण, राधा और रुक्मिणीजी की पूजा करते हैं।
7. सत्संग : इन चार माह में साधुओं के साथ सत्संग करने से जीवन में लाभ मिलता है।
8. दान : इन चार माहों में यथा शक्ति दान करते हैं।
9. यज्ञोपवीत : यज्ञोपवीत धारण करते हैं या उनका नवीनीकरण करते हैं।
10. तर्पण : उक्त चार माहों में पितरों के निमित्त पिंडदान या तर्पण करने से उनकी आत्मा को शांति मिलती है।