Kharmas Tulsi Puja 2023 : सूर्य के धनु राशि में प्रवेश से एक माह के लिए खरमास का प्रारंभ हो जाता है। 16 दिसंबर 2023 शनिवार से खरमास प्रारंभ हो रहा है। खरमास में किसी भी तरह का कोई मांगलिक कार्य जैसे विवाह, यज्ञोपवीत, गृह प्रवेश, मकान निर्माण, नया व्यापार या किसी भी तरह का कोई भी संस्कार नहीं करते हैं। इसी के साथ ही कई तरह के नियमों का पालन करते हैं, जिसमें तुलसी के नियम भी होते हैं।
तुलसी पूजा का लाभ:
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खरमास में श्री हरि विष्णु और माता लक्ष्मी की विशेष पूजा होती है।
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तुलसी को माता लक्ष्मी का ही रूप माना जाता है।
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जब तक तुलसी की पूजा नहीं होती तब तक श्री हरि विष्णु की पूजा पूरी नहीं मानी जा सकती है।
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धनु संक्रांति पर भगवान सत्यनारायण की पूजा की जाती हैं। इस दिन भगवान सत्यनारायण की षोडश पूजा करें।
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इसी के साथ ही तुलसी पूजा भी करते हैं। तुलसी माता को जल अर्पण करें और उनकी पूजा करें।
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खरमास में तुलसी को जल दान, दीपदान और धूपदान दे सकते हैं। बाकी और कोई पूजा न करें।
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इससे शारीरिक और मानसिक सेहत में सुधार होगा और आर्थिक संकट दूर होगा।
तुलसी पूजा के नियम:
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मंगलवार, रविवार और एकादशी को छोड़कर कभी भी तुलसी को जल अर्पित कर सकते हैं, लेकिन खरमास के दौरान तुलसी पूजा में भूलकर भी ये गलती न करें।
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मंगलवार, रविवार और एकादशी के दिन तुलसी के पौधे को भूलकर भी नहीं छूएं और न ही जल अर्पण करें अन्यथा माता लक्ष्मी रुष्ठ हो जाएगा।
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खरमास के दिनों में भूलकर भी तुलसी के ऊपर सिंदूर या कोई पूजन सामग्री न चढ़ाएं। इसका नकारात्मक असर पड़ सकता है।
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इसी के साथ ही दूर्वा भी न चढ़ाएं अन्यथा माता लक्ष्मी रूष्ठ होकर आपके घर से चली जाएंगे।
क्या करें : इस माह में अपने अराध्य देव की अराधना करें। सूर्यदेव को अर्घ्य दें। तिल, वस्त्र और अनाज का दान करें। गाय को चारा खिलाएं। गंगा, यमुना आदि पवित्र नदियों में स्नान करें। बृहस्पति का उपवास करें और उपाय भी करें। गुरुवार को मंदिर में पीली वस्तुएं दान करें।