1. भगवान विष्णु के दशावतार में छठे अवतार भगवान परशुराम माने जाते हैं।
2. शस्त्र और शास्त्र के ज्ञाता सिर्फ और सिर्फ भगवान परशुराम ही माने जाते हैं।
3. भगवान परशुराम की सेवा-साधना करने वाले भक्त हर तरह से संपन्न होकर धन, भूमि, ज्ञान, दारिद्रय से मुक्ति, शत्रु नाश, संतान प्राप्ति, विवाह, और अभीष्ट सिद्धि इत्यादि पाते हैं।
4. गणेश जी को एकदंत करने वाले भी परशुराम थे।
5. परशुराम परम शिवभक्त थे।
6. भगवान शिव ने उन्हें मृत्युलोक के कल्याणार्थ परशु अस्त्र प्रदान किया जिससे वे परशुराम कहलाए।
7. परशुराम जी के शिष्यत्व का लाभ दानवीर कर्ण ही ले पाए जिसे उन्होंने ब्रह्मास्त्र की दीक्षा दी।
8. क्रोध और दानशीलता में भगवान परशुराम का कोई सानी नहीं है।
9. पृथ्वी को 17 बार क्षत्रियों से विहीन करने वाले भगवान परशुराम ही थे।
10. उनकी दानशीलता ऐसी थी कि समस्त पृथ्वी ही ऋषि कश्यप को दान कर दी।
11. सहस्रार्जुन की इहलीला समाप्त करने वाले भी परशुराम ही थे और उसका प्रायश्चित के लिए उन्होंने सभी तीर्थों में तपस्या की।