Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia

आज के शुभ मुहूर्त

(चतुर्थी तिथि)
  • तिथि- पौष कृष्ण चतुर्थी
  • शुभ समय- 6:00 से 7:30, 12:20 से 3:30, 5:00 से 6:30 तक
  • व्रत/मुहूर्त-देवदर्शन
  • राहुकाल-दोप. 1:30 से 3:00 बजे तक
webdunia
Advertiesment

आषाढ़ी अमावस्या पर मात्र 1 उपाय करने से पितृ दोष हो जाएगा दूर

हमें फॉलो करें shaddha Tarpan
Pitro ki shanti ke upay : आषाढ़ माह की अमावस्या को हलहारिणी अमावस्या कहते हैं। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार इस बार यह अमावस्या 18 जुन 2023 रविवार को रहेगी। इस अमावस्या को दान-पुण्य और पितरों की शांति के लिए किए जाने वाले तर्पण के लिए बहुत ही उत्तम एवं विशेष फलदायी माना गया है। अषाढ़ी अमावस्या पर पितरों की शांति के लिए 5 में से मात्र 1 उपाय कर लेंगे तो पितृदोष दूर हो जाएगा।
 
तर्पण : प्रात: जल्दी उठकर पवित्र नदी में स्नान करने के बाद पितरों के निमित्त सूर्यदेव को अर्घ्य अर्पित करें। इसके बाद नदी के किनारे पितरों का पिंडदान या तर्पण करें। अमावस्या पर घर में खीर पूजी आदि बनाकर उसका उपले पर गुड़ घी के साथ पितरों के निमित्त भोग लगाएं।
 
व्रत : इस दिन पितरों की शांति के लिए आप चाहें तो उपवास रख सकते हैं। विधिवत उपवास रखने के बाद पितृसूक्त का पाठ करें और दूसरे दिन व्रत का पारण करके ब्राह्मण भोज कराएं। या इस दिन कौवों को अन्न और जल अर्पित करने के साथ ही गाय एवं कुत्तों को भी भोजन कराएं।
 
दान : पितरों की शांति के लिए किसी गरीब ब्राह्मण को दान दक्षिणा दें। इस दिन पितरों की शांति के लिए हवन कराकर दान-दक्षिणा देना चाहिए। ऐसा नहीं कर सकते हैं तो पितरों की शांति के लिए किसी भूखे को भरपेट भोजन कराएं। 
 
4. दीपक : इस दिन संध्या के समय पीपल के पेड़ के नीचे सरसो के तेल का दीपक लगाएं और अपने पितरों का स्मरण करके पीपल की 7 परिक्रमा करें।
 
5. शिव पूजा : पितरों के निमित्त अमावस्या पर भगवान भोलेनाथ और शनिदेव की विशेष पूजा करके उन्हें प्रसन्न करना चाहिए।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

देवशयनी एकादशी के दिन श्रीहरि विष्णु कहां चले जाते हैं सोने?