Shiv Tandav Nritya Stotra : दुर्गा, गणेश, भैरव, श्रीराम आदि के तांडव का भी उल्लेख मिलता है। रावण ने अपने आराध्य शिव की स्तुति में शिव तांडव स्तोत्र की रचना की थी। इस स्तोत्र को कुछ विशेष परिस्थिति में और विधिवत रूप से पढ़ना चाहिए। यदि आप ऐसा करने में सफल होते हैं तो यह स्त्रोत चमत्कारिक लाभ देने वाला सिद्ध हो सकता है।
शिव ताण्डव स्त्रोत पढ़ने के फायदे | shiv tandav stotram padhne ke fayde:
1. शिव तांडव स्त्रोत का पाठ करने से व्यक्ति के भीतर आत्मबल बढ़कर उच्च व्यक्तित्व की प्राप्ति होती है।
2. नित्य शिव तांडव स्तोत्र का पाठ करने से वाणी की सिद्धि हो जाती है।
3. शिवतांडव स्तोत्र का पाठ करने से कभी भी धन-सम्पति की कमी नहीं होती है।
4. शिवतांडव स्तोत्र का पाठ करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं।
5. शिवतांडव स्तोत्र का पाठ करने से चेहरे की कांति बढ़ जाती है।
6. शिवतांडव स्तोत्र का पाठ करने से शनि, राहु और केतु दोष से मुक्ति मिलती है।
7. इसका नित्य पाठ करने से कुण्डली में सर्प योग, कालसर्प योग या पितृ दोष से भी मुक्ति मिल जाती है।
8. शिव तांडव स्तोत्र का पाठ करने से नृत्यकला, चित्रकला, लेखन, योग, ध्यान, समाधी आदि कार्यों में लाभ मिलता है।