1. नर्मदा नदी को मध्यप्रदेश की जीवन-रेखा कहा जाता है। पर्वतराज मैखल की पुत्री नर्मदा को रेवा के नाम से भी जाना जाता है।
2. नर्मदा भारतीय प्रायद्वीप की सबसे प्रमुख और भारत की पांचवी बड़ी नदी मानी जाती है।
3. विंध्य की पहाड़ियों में बसा अमरकंटक एक वन प्रदेश है। अमरकंटक को ही नर्मदा का उद्गम स्थल माना गया है। यह समुद्र तल से 3500 फुट की ऊंचाई पर स्थित है।
4. भारत में चार नदियों को चार वेदों के रूप में माना गया है। गंगा को ऋग्वेद, यमुना को यजुर्वेद, सरस्वती को अथर्ववेद और नर्मदा को सामदेव। सामदेव कलाओं का प्रतीक है।
5. नर्मदा ने भी लोक-कलाओं और शिल्प-कलाओं को पाला-पोसा है। नर्मदा अपने उद्गम स्थल अमरकंटक से निकलकर लगभग 8 किलोमीटर दूरी पर दुग्धधारा जलप्रपात तथा 10 किलोमीटर पर दूरी पर कपिलधारा जलप्रपात बनाती हैं।
7. संगमरमर की खूबसूरत संकरी घाटियों से बलखाती नर्मदा नरसिंहपुर-होशंगाबाद की धरती को अभिस्पर्श करती, खंडवा से गुजरते हुए महेश्वर के पास 8 किलोमीटर का सहस्त्रधारा जलप्रपात बनाती है।
8. रास्ते में नर्मदा नदी मंधार तथा दरदी नामक प्रपातों को भी आकर्षक रूप देती चलती हैं। तत्पश्चात् महाराष्ट्र से होती हुई, भडूच शहर की पश्चिमी दिशा में खम्भात की खाड़ी में गिरकर अरब सागर में विलीन हो जाती है।
9. पुण्यदायिनी मां नर्मदा का जन्मदिवस प्रतिवर्ष माघ शुक्ल सप्तमी को 'नर्मदा जयंती महोत्सव' के रूप में मनाया जाता है।
10. श्रद्घा-भक्ति और सच्चे मन से मां नर्मदा के दर्शन, पूजन-अर्चन मात्र से ही मनुष्य को अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है।