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Vishnu Trirat Vrat: विष्णु त्रिरात्री व्रत क्या होता है, इस दिन किस देवता का पूजन किया जाता है?

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हमें फॉलो करें Vishnu Trirat Vrat kab Hai

WD Feature Desk

, बुधवार, 29 अक्टूबर 2025 (11:05 IST)
Vishnu Trirat Vrat 2025: देवउठनी एकादशी से पहले पड़ने वाला विष्णु त्रिरात्री व्रत तीन दिन और तीन रातों तक चलने वाला एक विशेष धार्मिक उपवास है। यह व्रत मुख्य रूप से भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी को समर्पित होता है। इसका पालन करने से अक्षय पुण्य, सुख-समृद्धि और पापों से मुक्ति मिलती है। यह व्रत अक्सर कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि (तुलसी त्रिरात्र) के आसपास किया जाता है।ALSO READ: Dev Uthani Ekadashi Ki Katha: देव उठनी एकादशी की पौराणिक कथा
 
विष्णु त्रिरात्री व्रत क्या होता है: 'त्रिरात्र व्रत' का शाब्दिक अर्थ 'तीन रात' का व्रत है। यह व्रत तीन दिनों और तीन रातों तक चलता है।ALSO READ: Tulsi vivah 2025: देव उठनी एकादशी पर क्यों करते हैं तुलसी विवाह?
 
1. अवधि: यह व्रत अष्टमी तिथि को एक समय भोजन करने के बाद शुरू होता है, और उसके बाद लगातार तीन दिन तथा तीन रातों तक उपवास रखा जाता है। यह आमतौर पर नवमी, दशमी और एकादशी तिथि को कवर करता है, जिसका पारण यानी व्रत खोलना द्वादशी तिथि को किया जाता है। इस व्रत में तुलसी और श्रीहरि विष्णु के विवाह का अनुष्ठान भी किया जाता है। इस वर्ष यह व्रत 30 अक्टूबर को शुरू होकर 1 नवंबर को पूर्ण होकर 02 नवंबर को द्वादशी तिथि पर इस व्रत का पारण किया जाएगा।
 
2. उद्देश्य: इस व्रत को करने का मुख्य उद्देश्य पापों का नाश करना, पितरों को नरक की यातना से मुक्ति दिलाना और माता लक्ष्मी सहित भगवान विष्णु नारायण को घर में निवास करने के लिए आमंत्रित करना माना जाता है।
 
3. समय: धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, प्रत्येक मास में दो त्रिरात्र व्रत हो सकते हैं, लेकिन कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की नवमी से आरंभ होने वाला 'तुलसी त्रिरात्र व्रत' विशेष रूप से प्रसिद्ध है, जिसकी महिमा बहुत अधिक बताई गई है। यह व्रत कार्तिक शुक्ल नवमी यानी आंवला नवमी से आरंभ होता है।
 
इस दिन किस देवता का पूजन किया जाता है: विष्णु त्रिरात्री व्रत में प्रमुख रूप से भगवान विष्णु का पूजन किया जाता है।
 
• मुख्य देवता: इस व्रत में भगवान वासुदेव/ श्रीविष्णु की पूजा का विधान है।
 
• अन्य रूप: कार्तिक मास के त्रिरात्र व्रत में तुलसी जी, जो कि विष्णुप्रिया हैं की पूजा का भी विशेष महत्व होता है। मान्यता है कि जो मनुष्य लक्ष्मी सहित नारायण या श्रीहरि विष्णु को प्रसन्न करना चाहते हैं, वे इस व्रत का पालन करते हैं।
 
विष्णु त्रिरात्रि व्रत एक महत्वपूर्ण हिन्दू व्रत है, जिसे विशेष रूप से भगवान विष्णु की उपासना के लिए किया जाता है। यह व्रत तीन दिनों तक चलता है और प्रत्येक दिन भगवान विष्णु के विभिन्न रूपों की पूजा की जाती है। इसे विशेष रूप से भक्तों द्वारा समर्पण, तप, और भक्ति भाव से किया जाता है। यह व्रत भगवान विष्णु को समर्पित है, जिन्हें प्रसन्न करने के लिए तीन दिनों तक विशेष पूजा, उपवास और दीपदान जैसे अनुष्ठान किए जाते हैं। 
 
अस्वीकरण (Disclaimer) : चिकित्सा, स्वास्थ्य संबंधी नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष, इतिहास, पुराण आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं, जो विभिन्न सोर्स से लिए जाते हैं। इनसे संबंधित सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं करता है। सेहत या ज्योतिष संबंधी किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। इस कंटेंट को जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है जिसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।ALSO READ: Gopashtami 2025: कब है गोपाष्टमी, 29 या 30 अक्टूबर, जानें शुभ मुहूर्त, योग और इस व्रत की खास जानकारी
 

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