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कब प्रकट होंगे कल्कि?

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हमें फॉलो करें कल्कि अवतार
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पुराणों में कल्कि अवतार के कलियुग के अंतिम चरण में आने की भविष्यवाणी की गई है। अभी कलियुग का प्रथम चरण ही चल रहा है लेकिन अभी से ही कल्कि अवतार के नाम पर पूजा-पाठ और कर्मकांड शुरू हो चुके हैं। कुछ संगठनों का दावा है कि कल्कि अवतार के प्रकट होने का समय नजदीक आ गया है।

इन लोगों का मानना है कि देवी जगत में कल्कि अवतार हो गया है। स्वप्न, जागृत और वाणी अनुभवों द्वारा वे भक्तों को संदेश दे रहे हैं। उनकी महाशक्तियां भक्तों की रक्षा के लिए इस जगत में चारों ओर फैल चुकी हैं, अब बस उनका केवल प्राकट्य शेष है।

इसका तार्किक आधार यह है कि अवतार किसी समयसीमा में बंधा नहीं होता। उसके प्राकट्य के अपने मापदंड होते हैं। गीता का श्लोक-

यदा-यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत ।
अभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम् ॥7॥
परित्राणाय साधूनां विनाशाय च दुष्कृताम् ।
धर्मसंस्थापनार्थाय सम्भवामि युगे-युगे ॥8॥

...का उदाहरण देते हुए कहते हैं कि नारायण का यह उद्घोष अधर्मी और आसुरी शक्तियों को उनकी ललकार है कि जिस क्षण तुम्हारे अत्याचारों से मेरे द्वारा स्थापित यह मापदंड टूट जाएंगे (जो इस बात का प्रमाण होंगे कि धरती पाप के बोझ को और नहीं उठा सकती है तथा मेरे भक्त भी अब और अत्याचार नहीं सह सकते हैं), उसी क्षण मैं भी समय की सभी सीमाएं तोड़कर अवतार धारण करूंगा।

आज यदि हम चारों तरफ नजर डालें तो हम देखेंगे कि शास्त्रों में कलियुग के चौथे चरण के जो लक्षण बताए गए हैं, वे सब इस प्रथम चरण में ही पूरे होने के करीब आ गए हैं। धर्म, सत्य, दया, क्षमा, पवित्रता, आयु का लोप हो गया है, धनी और पाखंडी ही समाज के श्रेष्ठ हो गए हैं, प्रकृति असंतुलित हो गई है, कहीं अतिवृष्टि, कहीं अनावृष्टि, चारों तरफ आसुरी शक्तियों के प्रहार से हाहाकार मचा हुआ है, हर आदमी रोगग्रस्त है, वर्ण व्यवस्था समाप्त हो रही है, धन के लिए पुत्र, पिता के और भाई, भाई के प्राण ले रहा है, स्त्रियों में शालीनता और लज्जा का लोप होता जा रहा है।

ये परिस्थितियां इस सत्य की ओर संकेत कर रही हैं कि युगावतार भगवान श्री कल्कि के प्रकट होने का समय नजदीक आ रहा है।

अगले पन्ने पर कल्कि अवतार के नाम जप का चमत्कार...


संगठन मानता है कि प्रत्यक्ष को प्रमाण की आवश्यकता नहीं होती। आप कल्किजी की लीला का अनुभव करना चाहते हैं तो उनके महामंत्र- 'जय कल्कि जय जगत्पते पद्मापति जय रमापते' और बीजमंत्र 'जय श्री कल्कि जय माता की' एक-एक माला का जाप कीजिए।

प्रार्थना के साथ फल समर्पण कीजिए और आप देखेंगे और प्रत्यक्ष, स्वप्न, जाग्रत और वाणी अनुभवों द्वारा महसूस करेंगे कि श्री कल्किजी आपके मानस में प्रकट होकर आपको परेशानियों से निकालने का रास्ता दे रहे हैं, आपकी और आपके परिवार की रक्षा कर रहे हैं।

सौजन्य : कल्कि वाटिका

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