इस बार होलिका दहन अत्यंत शुभ योग में है। अक्सर होलिका वाले दिन दहन के समय भद्रा होने से बड़ी मुहूर्त में परेशानी रहती थी। परंतु इस बार ऐसा नहीं है बल्कि इस बार भद्रा रहित, ध्वज एवं गज केसरी योग बन रहा है।
त्रिपुष्कर योग 10 मार्च को रहेगा। इस योग में भवन, वाहन, सोना-चांदी के आभूषण या कोई कीमती वस्तु का सुख प्राप्त हो सकता है।
ज्योतिष के अनुसार इस योग में किया गया कार्य तीन बार होता है और वस्तु का लाभ भी तिगुना मिलता है। इसके अलावा इस बार होली पर गज केसरी योग भी बन रहा है।
गज यानि हाथी, केसरी यानि शेर, हाथी और शेर का संबंध यानि राजसी सुख। गज को गणेश जी का रूप माना जाता है। इस योग का फलभाव, राशि, नक्षत्र और गुरु की पोजीशन के आधार पर मिलता है। जब गुरु व चंद्र बलवती होकर गजकेसरी योग का बनाते हैं। इस बार होली पर त्रिपुष्कर और गजकेसरी योग मिलकर जातक की बहुत सी मनोकामना को पूरा करेंगे।
होलिका भद्रा रहित होने और दो शुभ योग(त्रिपुष्कर, गजकेसरी) बनने से इसका प्रभाव भारत के राजनैतिक, आर्थिक स्थिति पर भी पड़ेगा।
यह होली देश के लिए सौभाग्यदायक रहेगी। भारत के व्यापार जगत में लाभ होगा और गजकेसरी योग व्यापार जगत में मंदी को दूर करेगा। भारत की प्रभाव राशि मकर है। भारत सरकार के लिए आगे अच्छी योजना बनेगी, शिक्षा के क्षेत्र में बड़ा बदलाव आएगा। रोजगार की नई योजना बनेगी।
भ्रष्टाचार पर रोकथाम लगेगी, महंगाई पर भी नियंत्रण लगेगा। परंतु पेट्रोल और डीजल की मूल्य वृ्द्धि होगी, खाद्य पदार्थों के दामों में तेजी आएगी। साथ ही सीमा क्षेत्र पर आतंकी घटनाएं घटेंगी, लेकिन सरकार द्वारा किए गए प्रयास से इन घटनाओं पर लगाम लगेगी। बड़े किसी मामले का भंडाफोड़ होगा लोकप्रिय लोगों के नाम इसमें आ सकते हैं।
किसी बड़े राज्य में तख्तापलट होगा। साथ ही सभी राज्यों के शिक्षा, स्वास्थ्य, प्रशासन विभागों में तरक्की होगी। इस वर्ष होलिका दहन संपूर्ण भारत के लिए शुभ है। विश्वस्तर में भारत तरक्की करेगा और जीडीपी में भी वृद्धि के आसार हैं।