होली का पर्व रंगों के अलावा कई तरह के उपायों के लिए भी जाना जाता है। होली की रात्रि में जब होलिका का दहन हो तब इन्हें आजमाएं.. ये 8 उपाय न सिर्फ हर आपदा-विपदा से बचाते हैं बल्कि जीवन में तरक्की के खूब सारे अवसर भी दिलाते हैं...
1. दो दीपक जलाएं : एक तेल का और एक घी का दीपक होलिका के सामने जलाएं। इनमें लौंग का जोड़ा यानी दो पूरी लौंग डालें और ॐ होलिकायै नम: का जाप करते हुए होलिका दहन से पहले पूजा के साथ रखें....इस उपाय से धन-धान्य का वरदान मिलेगा।
2. रंगोली : जहां होलिका दहन होना है वहां छोटी या बड़ी रंगोली बनाएं.... प्रयास करें कि प्रमुख चार रंग लाल, हरा, नीला और पीला उसमें शामिल हो... इ स उपाय से समृद्धि का आशीष मिलता है।
3 .कौड़ियां : 8 पीली और सफेद मिलीजुली कौड़ियां लेकर अपने परिवार के हर सदस्य के माथे पर से उतारें और होलिका दहन में डालें। इस उपाय से नजर भी उतरती है और अन्य अला-बला भी टलती है। 8 की संख्या होलाष्टक समाप्ति का प्रतीक है।
4 .सिक्के : पुराने तांबे के 8 सिक्के होली की परिक्रमा में हाथ में लें और होलिका जलें तब उसकी अग्नि में तपाकर अपने पास रख लें। घर आकर इन्हें तिजोरी में रखें। बरकत बढ़ेगी। (8 की संख्या होलाष्टक के समाप्ति का प्रतीक है।)
5. श्रीयंत्र : सिर्फ दीपावली पर ही नहीं बल्कि होली पर भी मां लक्ष्मी खुशियों का वरदान देती हैं। श्रीयंत्र पूजन के लिए भी होली का दिन अत्यंत शुभ माना गया है। धन की आवक के लिए यह उपाय अचूक है।
6. कलश : होली पूजन में तांबे, चांदी, पीतल के कलश का अत्यंत महत्व है। होली जिस दिन जलने वाली है उस दिन सुबह से कलश को पवित्रता से गंगाजल मिलाकर पूरा भर कर स्थापित कर दें और जब होली पूजन के लिए जाएं तो उसी से पानी की धार बनाते हुए 8 परिक्रमा दें। बाद में थोड़ा जल बचाकर अपने घर में छिड़क दें। इस उपाय से घर से नकारात्मक ताकतों का नाश होगा।
7. कमल का फूल : इस दिन घर में लक्ष्मी, विष्णु, शिव, दुर्गा, श्रीकृष्ण को कमल का फूल अर्पित करें। अगर कमल का फूल संभव न हो तो अन्य फूल भी ले सकते हैं।
8.गुजिया : होली का पर्व है तो गुझिया तो बनेगी ही... आपको 8 गुझिया लेकर पहले होली को अर्पित करना है उसके बाद वह प्रसाद होलिका दहन में डाल देना है। फिर से याद दिला दें कि 8 की संख्या होलाष्टक समाप्ति का प्रतीक है।