अगर आप लगातार आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं तो यह उपाय आजमाना ना भूलें। यह उपाय थोड़ी मेहनत मांगता है लेकिन इसके परिणाम सुखद आते हैं। जिस स्थान पर होलिका जलने वाली हो, उस स्थान पर गड्ढा खोदकर अपने मध्यमा अंगुली के लिए बनने वाले छल्ले की मात्रा के अनुसार चांदी, पीतल व लोहा दबा दें।
फिर मिट्टी से ढककर लाल गुलाल से स्वस्तिक का चिह्न बनाएं। जब आप होलिका पूजन को जाएं, तो पान के एक पत्ते पर कपूर, थोड़ी-सी हवन सामग्री, शुद्ध घी में डुबोया लौंग का जोड़ा तथा बताशे रखें। दूसरे पान के पत्ते से उस पत्ते को ढक दें और सात बार परिक्रमा करते हुए 'ॐ नमो भगवते वासुदेवाय' मंत्र का जप करें।
परिक्रमा समाप्त होने पर सारी सामग्री होलिका में अर्पित कर दें तथा पूजन के बाद प्रणाम करके घर वापस आ जाएं। अगले दिन पान के पत्ते वाली सारी नई सामग्री ले जाकर पुनः यही क्रिया करें। जो धातुएं आपने दबाई हैं, उनको निकाल लाएं। फिर किसी सुनार से तीनों धातुओं को मिलाकर अपनी मध्यमा अंगुली के माप का छल्ला बनवा लें। 15 दिन बाद आने वाले शुक्ल पक्ष के गुरुवार को छल्ला धारण कर लें। जब तक आपके पास यह छल्ला रहेगा, तब तक आप कभी भी आर्थिक संकट में नहीं आएंगे। यह उपाय चल रही घोर आर्थिक तंगी में बेहद कारगर हैं।