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Holi 2025: धुलेंडी पर क्यों करें मां संपदा देवी की पूजा, पढ़ें महत्व और पूजा विधि

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WD Feature Desk

, गुरुवार, 13 मार्च 2025 (09:14 IST)
Worship of Devi Sampada: होली के अगले यानी धुलेंडी के दिन मां संपदा देवी की पूजा का विशेष महत्व है। मां संपदा देवी को धन और समृद्धि की देवी माना जाता है और उनकी पूजा करने से घर में सुख-शांति और समृद्धि आती है। हम कई कारणों से होली का त्योहार मनाते हैं, जिसमें एक कारण है विष्णुभक्त प्रहलाद का। कहते हैं कि जिस दिन हरिण्यकश्यप की बहन होलिका भक्त प्रहलाद को गोदी में लेकर अग्निकुंड में बैठने वाली थी, उस दिन सभी नगरवासियों ने अपने-अपने घर में अग्नि प्रज्वलित कर भक्त प्रहलाद की रक्षा करने के लिए अग्निदेव से प्रार्थना की थी।ALSO READ: चंद्र ग्रहण के दौरान होली का रंग खेला जा सकता है या नहीं...
 
अग्निदेव ने लोगों की प्रार्थना स्वीकार की और होलिका द्वारा अपने वरदान का दुरुपयोग करने के कारण उन्होंने भक्त प्रहलाद को जीवन दान दिया और होलिका उसी अग्नि में जलकर भस्म हो गई। कहते हैं कि प्रहलाद को बचाने की यही प्रार्थना और अग्निपूजा ने सामुदायिक पूजा का रूप ले लिया और इसी कारण गली-गली में होलिका दहन किया जाता है। इसी तरह धुलेंडी के दिन मां संपदा देवी की पूजा की जाती है, जो कि एक शुभ परंपरा है। 
 
क्यों धुलेंडी पर की जाती हैं संपदा देवी की पूजा: कहते हैं कि इस धन-धान्य की देवी संपदा जी की पूजा होली के दूसरे दिन यानी धुलेंडी के दिन की जाती है। इस दिन महिलाएं संपदा देवी के नाम का डोरा बांधकर व्रत रखती हैं तथा कथा सुनती हैं तथा मिठाईयुक्त भोजन से पारण करती है। इसके बाद हाथ में बंधे डोरे को वैशाख माह में किसी भी शुभ दिन और शुभ घड़ी में खोल दिया जाता है। यह डोरा खोलते समय भी व्रत रखकर कथा पढ़ी या सुनी जाती है। मान्यतानुसार मां संपदा देवी की पूजा करने से घर में नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है। तथा यह  पूजा परिवार के सदस्यों के बीच प्रेम और सद्भाव को बढ़ावा देती है। यह पूजा जीवन में सफलता और समृद्धि लाती है।ALSO READ: चंद्र ग्रहण कब से कब तक लगेगा, कहां नजर आएगा, सूतक काल का समय क्या है, किन राशियों पर रहेगा प्रभाव?
 
संपदा देवी की पूजन विधि:
- सर्वप्रथम पूजा की थाली में सारी पूजन सामग्री सजा लें।
- संपदा देवी का सोलह तार के सूत का डोरा लेकर इसमें सोलह गठानें लगाएं।
- गठानें लगाने के बाद डोरे को हल्दी में रंग लें।
- इसके बाद चौकी पर रोली-चावल के साथ कलश स्थापित करके उस पर डोरा बांध दें।
- इसके बाद कथा पढ़ें या सुनें।
- कथा के बाद संपदा देवी का पूजन करें।
- इसके बाद संपदा देवी का डोरा धारण करें।
- पूजन के बाद सूर्य के अर्घ्य दें।
इस तरह धुलेंडी को मां संपदा देवी की पूजा का दिन माना जाता है। इस दिन, लोग मां संपदा देवी की पूजा करते हैं और गरीबों को दान देते हैं। ऐसा माना जाता है कि ऐसा करने से घर में धन और समृद्धि आती है।
 
अस्वीकरण (Disclaimer) : चिकित्सा, स्वास्थ्य संबंधी नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष, इतिहास, पुराण आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं, जो विभिन्न सोर्स से लिए जाते हैं। इनसे संबंधित सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं करता है। सेहत या ज्योतिष संबंधी किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। इस कंटेंट को जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है जिसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।ALSO READ: होली 2025 : 14 मार्च को खेली जाएगी होली, जानिए क्या करें पूरा दिन, कैसे मनाएं पर्व

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