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होली धुलेंडी पर कौनसे रंगों का करें इस्तेमाल कि आसानी से निकल जाए और स्किन भी रहे सुरक्षित

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WD Feature Desk

, शनिवार, 1 मार्च 2025 (17:04 IST)
13 मार्च 2025 की रात को होलिका दहन होगा और 14 मार्च को होली खेली जाएगी जिसे धुलेंडी या धुलंडी भी कहते हैं। इस दिन रंगों वाली होली खेली जाती है। आजकल बाजार में कई ऐसे रंग आ गए हैं तो आपकी त्वचा को खराब कर सकते हैं। इसलिए यह जानना जरूरी है कि क्या सावधानी रखें और कौनसे रंगों से होली खेलना सुरक्षित रहेगा। ALSO READ: Holi 2025: होली का डांडा गाड़ने, सजाने और जलाने की सही विधि जानिए
 
होली पर कौनसे रंगों का करें उपयोग?
1. हर्बल रंग: कोशि‍श करें कि हर्बल रंगों का ही प्रयोग करें। इन रंगों का कोई दुष्प्रभाव भी नहीं होता और इन्हें आसानी से घर पर बनाया भी जा सकता है। वैसे बाजार में भी हर्बल रंग उपलब्ध हैं। ये त्वचा के लिए सुरक्षित होते हैं और पर्यावरण के लिए भी अच्छे होते हैं। 
 
पलाश, नीला गुलाब, जकरांदा, पालक, मैथी, चंदन, गुलाब आदि से तैयार कई तरह के हर्बल कलर मार्केट में आसानी से मिल जाते हैं, जो प्राकृतिक पौधों एवं उनके रस से बनाए जाते हैं। शायद आपको पता न हो कि इन हर्बल कलर्स के निर्माण में टेलकम पावडर का उपयोग किया जाता है। इन रंगों की यह विशेषता होती है कि केमिकल रंगों की तरह घंटों बैठकर इन्हें छुड़ाना नहीं पड़ता, ये थोड़े से पानी में ही निकल जाते हैं।
 
2. गुलाल : होली पर सूखे रंगों का उपयोग करें। उनमें जैसे गुलाल, अबीर या टेसू के रंग। वैसे भी होली के त्योहार में गुलाल लगाने की परंपरा सदियों पुरानी है जिसके चलते बड़े-बुजुर्ग टीका लगाकर गले मिल एक-दूसरे को होली की बधाई देते हैं। प्राकृतिक रूप से तैयार किए जाने वाले गुलाल में अरारोट का बेस लिया जाता है जिसमें कई तरह के प्राकृतिक तत्वों का समावेश कर गुलाल तैयार होता है। यह हर्बल गुलाल पीला, गुलाबी, हरा एवं लाल ऐसे 4 रंगों में आता है। हर्बल गुलाल 2 तरह का होता है। पहले इत्र वाले गुलाल में चंदन, गुलाब आदि की खुशबू मिली होती है, तो वहीं बिना इत्र वाले गुलाल में हर्बल रंग मिलाए जाते हैं।ALSO READ: क्या है भगवान शिव से होली की ठंडाई का संबंध, जानिए ठंडाई का इतिहास
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होली धुलेंडी पर रखें सावधानियां: 
  • जब भी होली खेलने निकलें, उससे पहले त्वचा पर कोई तैलीय क्रीम या फिर तेल, घी या फिर मलाई लगाकर निकलें, ताकि त्वचा पर रंगों का विपरीत असर न पड़े। 
  • बालों को रंग से बचाने का पूरा प्रयास करें। रंग आपके बालों को रूखा, बेजान और कमजोर बना सकते हैं। इनसे आपके बालों का पोषण भी छिन सकता है।
  • यदि होली खेलते समय आंखों में रंग चला जाए तो तुरंत आंखों को साफ पानी से धोएं। यदि आंखें धोने के बाद भी तेज जलन हो, तो बिना देर किए डॉक्टर को दिखाएं।
  • आंखों पर गलती से गुब्बारा लग जाए या खून निकल आए तो पहले सूती कपड़े से आंखों को ढंकें या फोहा लगाएं। इसके बाद डॉक्टर को जरूर दिखाएं। बाजार के हरे रंग से होली खेलते समय ध्यान रखें, इसमें कॉपर सल्फेट पाया है, जो आंखों में एलर्जी, सूजन अंधापन जैसी समस्याएं पैदा कर सकता है। इस बात का विशेष ध्यान रखें। 
  • सिल्वर चमकीले रंग का इस्तेमाल न करें। इसमें एल्युमीनियम ब्रोमाइड होता है, जो त्वचा के कैंसर के लिए जिम्मेदार हो सकता है।
  • काले रंग में उपस्थि‍त लेड ऑक्साइड किडनी को बुरी तरह प्रभावित करता है।

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