पूजन के बाद सूर्य के अर्घ्य दें।
संपदाजी की कथा :
एक समय की बात है। राजा नल अपनी पत्नी दमयंती के साथ बड़े प्रेम से राज्य करता था। होली के अगले दिन एक ब्राह्मणी रानी के पास आई। उसने गले में पीला डोरा बाँधा था। रानी ने उससे डोरे के बारे में पूछा तो वह बोली- 'डोरा पहनने से सुख-संपत्ति, अन्न-धन घर में आता है।' रानी ने भी उससे डोरा माँगा। उसने रानी को विधिवत डोरा देकर कथा कही।