यूँ तो होली के पीछे हिरण्यकश्यप की बहन होलिका की कहानी प्रचलित है। भक्त प्रहलाद को मारने के लिए उसे गोद में लेकर वह अग्नि में बैठ गई थीं, जिसमें अधर्म की होली तो जल गई, लेकिन धर्मपरायण प्रहलाद सुरक्षित बच गए। इस पर्व पर मुख्य रूप से होली जलाना, रंग डालना, मिलना और गीत गाना ये चार बातें मुख्य हैं। कई सभ्य व शिक्षित लोग इसे हुड़दंग कहकर इसकी अवहेलना करते हैं, क्योंकि रंग डालते समय कई लोग एक-दूसरे पर कीचड़ भी डाल देते हैं।