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होली यानी रंगों की मस्ती

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'मल दे गुलाल मोहे, आई होली आई रे...' अजी होली तो अब दरवाजे पर खड़ी है और दरवाजे के पीछे छिपे आपके दोस्त-यार और मस्तीखोरों की टोली हथेली पर रंग लगाए और हरे, नीले रंग के पानी की बाल्टी छिपाए इंतजार कर रही है। ऐसे में आप भले ही घर के किसी भी कोने में छिप जाएँगे पर इनसे बचकर कहाँ जाएँगे?

तो दोस्तों तैयार हो जाइए होली के रंग में रंगने के लिए, लेकिन कहीं होली के दिन गालों पर लगा रंग-गुलाल महीनों तक आपकी परेशानी का सबब न बन जाए। दोस्तों, अगर सिंथेटिक रंग से आपकी त्वचा या शरीर को किसी प्रकार का नुकसान पहुँचा तो मौज-मस्ती का सारा रंग फीका पड़ जाएगा। सवाल है कि विकल्प क्या है?

सिंथेटिक रंगों के रासायनिक तत्वों से बचने के लिए आमतौर पर चिकित्सक प्राकृतिक रंगों के उपयोग की सलाह देते हैं लेकिन या तो प्राकृतिक रंग बाजार में हर जगह उपलब्ध नहीं होते या फिर जेब पर भारी पड़ने की वजह से इन्हें खरीदने से हम बचते हैं। तो क्यों न इस होली पर हम अपने मनपसंद रंग अपने ही घर में बना लें।

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हरा रंग हरियाली का : आमतौर पर घरों में मेहंदी तो होती ही होगी। तो बराबर मात्रा में मेहंदी और हिना को मिला लें। गीला करना हो तो इसमें सिर्फ थोड़ा-सा पानी या चाय पत्ती उबालकर साफ किया हुआ पानी मिला लें। अगर हरा रंग अधिक गाढ़ा करने का मन हो तो उसमें धनिया पत्ता, पुदीना, टमाटर आदि में से कुछ भी मिलाया जा सकता है। हरा रंग तैयार हो जाएगा। ध्यान रखें कि मेंहदी हाथों पर लगाने वाली हो (यानी आँवला रहित हो)। जनाब, मेंहदी का रंग कम से कम हफ्ते भर तक तो उतरने से रहा। कह सकते हैं कि लगे हर न फिटकरी, रंग भी चोखा होय।

मस्ती में घुल जाए पीला रंग : होली पर अगर आप अपने दोस्त या प्रियजन को रंग लगाएँ और उसकी त्वचा कुछ दिनों बाद और भी निखर जाए तो रंग की दमक दोगुनी हो जाएगी। हल्दी और बेसन से तैयार किए गए पीले रंग की भी ऐसी ही कुछ बात है। सामान्य या कस्तूरी हल्दी में बेसन, मैदा, आटा या टेलकम पावडर मिलाकर सूखा रंग तैयार किया जा सकता है। आप इस मिश्रण में थोड़ा-सा पानी मिलाकर उबाल दें और फिर ठंडा कर लें तो गीला रंग। हाँ, अगर हल्दी के इस सूखे रंग में गेंदे के फूल या अमलताश के फूलों की पंखुड़ियाँ मिला दी जाएँ तो बात ही क्या होगी।

प्यार का लाल रंग प्रिय के संग : प्यार और सौहार्द बढ़ाने का रंग है लाल। इसे घर पर बनाकर क्यों न होली पर प्यार के इस रंग को और गहरा कर दिया जाए। लाल चंदन पावडर या रक्त चंदन का उपयोग लाल गुलाल की जगह किया जा सकता है। अगर घर के आसपास गुड़हल का पेड़ हो तो गुड़हल के फूलों को सुखाकर उनका पावडर भी बना सकते हैं।

गीला रंग बनाने के लिए लाल चंदन में पानी मिलाकर घोल तैयार किया जा सकता है या फिर अनार के दानों को पानी में उबालकर भी रंग तैयार कर सकते हैं।

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