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ईशान कोण में रसोई बनाने के नुकसान

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* किचन में लगभग तीन से पाँच घंटे तक हर रोज आग जलती है या अन्य उच्च तापमान वाले उपकरणों का इस्तेमाल होता है। यह सब अग्नि तत्व की गतिविधियाँ हैं। जबकि ईशान जल तत्व का प्रधान क्षेत्र होता है।

* अग्नि तत्व की गतिविधियाँ ईशान की प्रकृति के सर्वथा विरुद्ध हैं। इसी वजह से घर में मुसीबतें आती रहती हैं। दो विरोधाभासी तत्वों के मिलन से घर के सदस्यों में विरोधाभास हो जाता है और एकता में कमी आती है।

* ईशान क्षेत्र में किचन होने से घर के बड़े बेटे पर भयंकर संकट आ सकता है। भले ही फिर वह आपके साथ न रहता हो या देश के बाहर ही क्यों न हो। इससे घर के मुखिया के स्वास्थ्य पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है।

* यह क्षेत्र दैविक ऊर्जा से भरपूर है और यहाँ पूजा-पाठ या ध्यान जैसे आध्यात्मिक कार्यकलाप ही किए जाने चाहिए। ईशान कोण पर आप चाहें टीवी रखने की जगह या स्टडी रूम बना सकती हैं। भगवान को उनके क्षेत्र में स्थापित करके उनकी पूजा करना सबसे उचित है। बस इस बात का ध्यान रखें की परिवार का कोई भी सदस्य यहाँ अधिक समय नहीं बिताए।

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