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सुशांत
लंबे समय तक किराए के मकानों में रहते आए उन लोगों की हसरतें तब उफान लेने लगती हैं, जब वे किसी तरह उधार या ऋण लेकर घर खरीद लेते हैं, फिर उसे सजाने के पीछे पागलपन की हद तक दीवाने हो जाते हैं।
इन बातों का रखें खयाल :
* यदि आपने भी अपना फ्लैट खरीद लिया है तो दूसरों की नकल या बराबरी के चक्कर में मत पड़िए। अगर आपके बजट अधिक खर्च करने का है तो पहले कमरों के अनुसार सजावट की रूपरेखा तैयार कीजिए, फिर सजावट के सामान खरीदें।
* हड़बड़ी में या दूसरों की देखा-देखी में फर्नीचर या सजावट का सामान खरीदने का परिणाम यह होता है कि कई बार आप वो सामान उठा लाते हैं, जो आपके पड़ोसी के घर में तो खूबसूरत लग रहा था परंतु वो आपके घर के इंटीरियर के अनुरूप नहीं है।
* बेमेल डिजाइन घर को आकर्षक बनाने के बदले और कुरूप बना डालता है। इससे बचने के लिए सबसे पहले घर के सभी कमरों का ठीक से मुआयना करें तब आगे की योजना बनाएँ ताकि अगले कुछ वर्षों तक के लिए यह टिकाऊ रह सके। यह ध्यान रखें कि आपका लक्ष्य पूरे घर को सुसज्जित करने का हो। पहले यह सोच लीजिए कि किस कमरे के लिए कौन से फर्नीचर फबेंगे।
* यदि आप पढ़ने-लिखने के शौकीन हैं और आपको अपने कमरे में लाइब्रेरी शेल्फ रखना जरूरी है तो उसी हिसाब से जगह या कमरे को चुनें जहाँ आप अपने को सहज महसूस कर सकें और पढ़ने के लिए वैसी ही कुर्सियाँ खरीदें, जिस पर आप ज्यादा समय तक अध्ययनरत रह सकें। इसी तरह अन्य कमरों के उपयोग को ध्यान में रखते हुए ही फर्नीचर या अन्य सजावटी सामानों को सजाएँ अन्यथा कमरे का स्वरूप बिगड़ सकता है।
* इस महत्वपूर्ण तैयारी को अंतिम पायदान तक पहुँचाने के बाद ही अपनी योजना को अमलीजामा पहनाने की कोशिश करें। यह बहुत छोटी-सी बात है कि हमें पूरे घर को सजाने के लिए थोक भाव में फर्नीचर खरीदने की भूल नहीं करनी चाहिए। इसके लिए आवश्यक फर्नीचरों की लिस्ट बनाएँ तदुपरांत अपने वार्षिक बजट में इसे समायोजित करें।