* यदि आप पारंपरिक फर्नीचरों को खरीदने में सक्षम नहीं हैं तो निराश मत होइए। बाजार में विभिन्न धातुओं से बने फर्नीचर भी उपलब्ध हैं, जो देखने में लकड़ी की तरह ही लगते हैं। इसमें कई फर्नीचर तो टीक, लकड़ी और स्टील को मिलाकर बनाए जा रहे हैं, जिसे फायरबोर्ड फर्नीचर के नाम से जाना जाता है।
* आज ग्राहकों के सामने बहुत सारे विकल्प उपलब्ध हैं, जिसमें सजावट के कई प्रारूप जैसे बुनाई किए हुए साजोसामान, नारियल के रेशे से बने सामान, बाँस की लड़ी, फूलों का गुच्छा, तंबाकू की पत्तियाँ आदि शामिल हैं।
* लकड़ी के रंग-रूप में ढाले गए मूँगे की चट्टान और चमड़ा आदि को मिलाकर बनाए गए कई अन्य सामान बाजार में उपलब्ध हैं। इस प्रकार के सजावटी सामानों को देखकर ऐसा लगता है मानो इनमें प्राकृतिक रंग भरा गया हो।
* इसके अलावा आज बाजार में कुछ कृत्रिम सजावटी सामान भी आ गए हैं जैसे प्रोलेन जो खासकर पोलिमर से बना होता है और देखने में गन्ने की तरह ही दिखता है। इसकी खासियत यह है कि इसके रखरखाव में ज्यादा पैसे खर्च नहीं करने पड़ते।
* दूसरी ओर कभी-कभी बड़े-बड़े शो-रूमों में जब नए-नए डिजाइनों को बाजार में उतारना होता है तो पुराने डिजाइनों को सेल लगाकर भी बेचा जाता है। इसके लिए आप सेल समाचार या विज्ञापन को ध्यान से देखिए या सड़क से गुजरते समय दुकानों की ओर नजरें डाल लिया कीजिए। हो सकता है आपके सपनों के फर्नीचर की सेल लगी हो।
* किसी भी घर की अच्छी फर्निशिंग को फर्नीचर का सामंजस्य ही अच्छा लुक प्रदान करते हैं। इसलिए यह जरूरी है कि कोई भी खरीददारी से पूर्व फर्नीचर की जाँच अच्छी तरह कर लें। यदि आप चाहें तो सेकंडहैंड माल खरीदें, परंतु इसे खरीदने के बाद उसके निखारने में पैसा खर्च करने में कंजूसी न करें।
* सेकंडहैंड माल खरीदने जाने से पूर्व अपने दिमाग में यह बात बिठा लें कि इन सामानों की बिक्री को लेकर बहुत से दलाल सक्रिय हैं, जो गलत विज्ञापनबाजी के मार्फत लोगों को ठगने का धंधा करते हैं। इसलिए जरूरी यह है कि आप खरीददारी करते समय गुणवत्ता के साथ कोई समझौता कतई नहीं करें।
* आप जिस सपनों के घर में रह रहे हैं, आखिर उसकी साज-सज्जा से आपके व्यक्तित्व की भी तो झलक मिलती है।