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पत्र-पत्रिकाओं को रद्दी में देने से पहले

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बहुउपयोगी पत्र-पत्रिकाएँ आपका ज्ञानवर्धन तो करती ही है। साथ ही समय निकलने के बाद भी इनके एडीशन भले ही पुराने हो जाएँ परंतु इनमें दी गई कुछ महत्वपूर्ण जानकारियाँ तब भी आपके लिए उपयोगी हो सकती है। यदि आप भी पत्र-पत्रिकाएँ पढ़ती हैं तो पत्र-पत्रिकाओं के रख-रखाव के संबंध में निम्न बातों को अपनी आदत में शामिल करें :-

* समाचार-पत्रों में समय-समय पर उपयोगी लेख, विशेषांक आदि प्रकाशित होते रहते हैं। इन्हें संभालकर रखें। पूरा समाचार-पत्र रखना संभव नहीं हो तो लेख की कटिंग कर एक फाइल में टैग लगाकर इन कटिंगों को संभालकर रखें।

* अपने बच्चों के लिए प्रतिवर्ष निबंध की पुस्तक का नया एडीशन खरीदने के बजाए आप सामयिक विषयों के लिए पत्र-पत्रिकाओं के लेखों की मदद से निबंध तैयार करवा सकती हैं।

* पुरानी पत्रिकाओं में स्वेटर की डिजाइन एवं व्यंजन विधि, घरेलू नुस्खे ढूँढने में परेशानी न हो इसलिए प्रत्येक पत्रिका के मुखपृष्ठ पर सूची बनाकर लगाने से या फ्लेग लगाने से आपको चाही गई डिजाइन व व्यंजन विधि, घरेलू नुस्खे ढूँढने में परेशानी नहीं होगी और समय भी बचेगा।

* पत्रिकाओं को लोहे या दीमक प्रूफ रेक में ही रखें। इन्हें नम स्थानों एवं अँधेरे, बंद कमरे में कभी नहीं रखना चाहिए।

* अलमारी और रेक को कीड़ों से मुक्त करने के लिए बुक सोल्यूशन का प्रयोग भी किया जा सकता है।

* रेक की निरंतर सफाई और देखरेख करना आवश्यक है। अलमारियों, रेक और पत्रिकाओं पर धूल नहीं जमने देना चाहिए।

* बरसात के दिनों में पत्रिकाओं की विशेष निगरानी रखना आवश्यक है। इन्हें समय-समय पर थोड़ी धूप दिखाते रहना चाहिए।

* फिनाइल और कपूर की गोली रेक में रखने से कीड़े पास नहीं आते हैं।

* पत्र-पत्रिकाओं को छोटे बच्चों की पहुँच से दूर रखें एवं गंदे या गीले हाथ से न छुएँ।

* अलग-अलग पत्रिकाओं को अलग-अलग शेल्फ/रेक में रखें। रेक या आलमारी को एकदम दीवार से सटाकर न रखें।

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