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पुष्पा कटारिया
प्रदूषण आज संसार की सबसे बड़ी व प्रमुख समस्या है, जिससे पर्यावरण शास्त्री व वैज्ञानिक सभी चिंतित हैं। हमें यह तो मालूम है कि हमारे चारों ओर प्रदूषण विद्यमान है, परंतु हम उस प्रदूषण के प्रति चिंतित नहीं हैं, जो हमारे घर के अंदर है।
सबसे ज्यादा प्रदूषित स्थान घरों की चहारदीवारी है, जिसमें हम अपने समय का 85 से 90 प्रतिशत भाग व्यतीत करते हैं। इसलिए अपने घर के अंदर होने वाले प्रदूषण के बारे में जानें और उससे बचने का प्रयास करें।
* रसोई घर में नल जिससे पानी आता है उसके जोड़ों में यदि रांगा है तो वह पानी को विषैला करता है। जिन बर्तनों में कलई करवाते हैं उसमें भी रांगा मिला होता है। पानी को साफ करने के लिए हम फिल्टर लगाते हैं उसमें लगी चलनियों को समय-समय पर बदलते रहना चाहिए अन्यथा इन फिल्टरों में भी कीटाणु पनप सकते हैं।
* रसोईघर में ईंधन के रूप में गैस का प्रयोग आम बात हो गई है। जिन चूल्हों में गैस पूरी तरह न जलती हो उनमें कार्बन मोनो ऑक्साइड गैस निकलती है, जो घातक जहर है। इसलिए रसाईघर का हवादार होना आवश्यक है। साथ ही गैस के चूल्हे की सफाई व रखरखाव भी ठीक होना चाहिए।
* घरों में मच्छर, खटमल, मक्खी व चींटी मारने के लिए जो कीटनाशक उपयोग में लाते हैं उनको सूँघने से कई प्रकार के श्वास रोग हो सकते हैं। यदि ये भोजन में मिल जाएँ तो और भी हानिकारक हो सकते हैं। अतः जहाँ तक संभव हो प्राकृतिक कीटनाशकों का प्रयोग करना चाहिए।