शयन कक्ष में दंपति के लिए प्यार और आराम के वो लम्हें कैद होते हैं, जिनका मंजर इसी कक्ष में कैद रहता है। लेकिन कभी-कभी प्यार की जगह यहाँ कलह का वातावरण निर्मित हो जाता है और दंपति के दिलों में दूरियाँ बढ़ जाती हैं।
प्यार के इस कक्ष में हमेशा प्यार भरा वातावरण ही बना रहे तथा आपके दांपत्य जीवन में खुशियों की बहार आएँ। इसके लिए वास्तुशास्त्र में कुछ महत्वपूर्ण बातें बताई गई हैं। आइए जानते हैं कि वास्तु के अनुसार आपका शयनकक्ष कैसा हो -
* शयन कक्ष का पलंग यदि पलंग पेटी तो भी उसके भीतर सामान रखने से परहेज करें।
* पलंग पर दो अलग-अलग गद्दों की बजाय एक ही गद्दे का प्रयोग करें। इससे पति-पत्नी में एकता व सामंजस्य बना रहता है।
* इस कक्ष की दीवारों पर हल्के रंगों से ही पेंट कराएँ।
* शयनकक्ष में प्राकृतिक पौधे लगाने की बजाय कृत्रिम पौधे लगाएँ क्योंकि प्राकृतिक पौधे हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक कार्बन डाईऑक्साइड गैस छोड़ते हैं।
* शयनकक्ष में फिश एक्वेरियम या झरने की तस्वीरें नहीं रखें।
* पलंग को दीवार से सटाकर नहीं रखें क्योंकि ऐसा करने से पति-पत्नी के बीच दूरियाँ बढ़ती हैं।
* यदि आपको शयनकक्ष में तस्वीरें लगानी ही है तो यहाँ परिवार के सदस्यों की मुस्कुराती हुई तस्वीरें लगाएँ।