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किचन की कारगर चिकित्सा

उपयोगी सलाह रसोई घर से

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हमें फॉलो करें सलाह रसोई घर से
हमारे साथ अकसर ही होता है कि कोई भी छोटी-मोटी तकलीफों के लिए भी हमें डॉक्टर के पास दौड़ना पड़ता है। यदि आप खुद घरेलू चीजों के गुणों के बारे में जानती हों तो शायद आपकी कुछ परेशानी तो दूर हो ही सकती है। आप को खुद यह जानकर आश्चर्य होगा कि आपके रसोई घर में ही इतनी दवाइयाँ होती हैं कि आप छोटी समस्याओं पर खुद ही काबू पा सकती हैं।

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साँस की बदबू मिटाए इलायची
साँस की बदबू एक आम समस्या है। आप इसके लिए सुबह या शाम माउथ वॉश इस्तेमाल कर सकती हैं। परंतु दिन में क्या उपाय हो यह सोचने की बात है। इसका सबसे अच्छा उपाय इलायची है। जिसका कोई साइड इफैक्ट भी नहीं होता। इलायची भारत में ही नहीं, अरब देशों में भी खूब इस्तेमाल की जाती है। इसमें एंटीसेप्टिक 'सिनोल' द्रव होता है, जो साँसों में दुर्गंध पैदा करने वाले बैक्टीरिया को मारता है। यदि आपकी साँस में ज्यादा बदबू हो तो इसे हटाने के लिए इलायची के बीज कुछ देर तक चबाएँ और फिर थूक दें।

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कफ दूर करे अजवायन
गले में खराश और कफ की वजह से चल रही खाँसी कितना परेशान करती है इसका अनुभव आपको भी होगा ही। आप तुरंत आराम चाहती हैं जबकि डॉक्टर से आपका अपाइंटमेंट शाम का है। ऐसे में आपको अजवायन का सहारा लेना चाहिए। अजवायन न सिर्फ खाँसी दूर करती है, बल्कि यह जमे हुए बलगम को भी बाहर निकालकर आपकी श्वास-नली को साफ करती है। यह शक्तिशाली एंटीसेप्टिक भी है। ज्यादा कफ होने की स्थिति में एक कप खौलते पानी में एक या दो चाय के चम्मच भर अजवायन 10 मिनट तक उबालें। इस प्रकार तैयार की हुई चाय को दिन में 3 बार पिएँ।

अजवायन साइनस की तकलीफ को भी दूर करने में सहायक होती है। अगर आपको साइनस की समस्या है तो आपको अजवाइन जैसी गर्म और खुश्क वनस्पति की जरूरत है। अजवाइन श्वसन तंत्र के इन्फेक्शन का पारंपरिक इलाज तो है ही, यह एक शक्तिशाली एंटीवायरल और एंटीबैक्टीरियल वनस्पति भी है। अजवाइन की एक-दो चम्मच सूखी पत्तियाँ एक कप गर्म पानी में 10 मिनट तक भिगोएँ। इस प्रकार तैयार किया गया काढ़ा दिन में तीन पीने से लाभ मिलता है।

डायरिया दूर करे दालचीनी
गरमियों की सबसे आम समस्या पेट की खराबी होती है। दस्त लगने पर डिहायड्रेशन का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में दालचीनी बहुत ही फायदा करती है। दालचीनी की चाय बनाकर पीने से लाभ मिलता है। दालचीनी एक प्राकृतिक एस्ट्रिजेंट (दस्त बांधने वाली) है, जो आँतों से पानी कम करती है। एक कप गर्म पानी में एक चम्मच दालचीनी पावडर डालें और 10-15 मिनट तक इसे भिगो दें फिर उबाल कर पी लें।

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बेहतर महसूस कीजिए अदरक से
अदरक में एक तत्व पाया जाता है जिसे 'थ्रोम्बोक्सेन ए-2' के नाम से जाना जाता है। यह रक्त-वाहिकाओं को चौड़ा करने वाले तत्त्वों को नष्ट होने से बचाता है। दूसरे शब्दों में कहा जाए तो अदरक, रक्त प्रवाह को संतुलित करता है, जो माइग्रेन को रोकने के लिए जरूरी है। सिरदर्द से बचे रहने के लिए पिसी हुई ताजा अदरक जूस में डालकर पिएँ। रोज खाने में भी ताजे अदरक का इस्तेमाल काफी फायदेमंद होता है। अदरक कब्ज का भी दुश्मन है। बेहतर नतीजे के लिए ताजा अदरक लेकर कुचलें और एक चम्मच अदरक को एक कप गर्म पानी में 10-15 मिनट तक भीगने दें। फिर अदरक को छानकर पानी पी जाएँ।

गैस भगाए मिंट की चाय
गैस का उधम किसी आतंक से कम नहीं होता है। गैस आपकी दिनचर्या को अस्त-व्यस्त कर देती है। गैस बढ़ने की एक वजह तनाव भी है। मिंट की चाय पीकर आप गैस के प्रकोप को मिटा सकते हैं, क्योंकि आपके पाचन तंत्र की यात्रा करते समय यह गैस को शांत करती चलती है। इसलिए इससे तुरंत आराम मिलता है। गैस से छुटकारा पाने के लिए सुबह-शाम एक-एक कप मिंट की चाय पिएँ। मिंट पुदीने के वर्ग का ही पौधा है। यह न मिलने पर पुदीना ले सकते हैं।

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पेट की जलन शांत करे हल्दी
यदि आपने खूब तीखा तेल वाला भोजन लिया है और अब आप पेट की जलन से परेशान हैं तो तुरंत थोड़ी हल्दी खा लें। फौरन आराम मिलेगा।

दाँतों की दोस्त लौंग
दाँत में दर्द हो रहा हो तो लौंग के तेल की दो बूंद रूई के फाहे पर डाले और उसे दर्द वाले दाँत पर रख लें। यदि लौंग का तेल न हो तो पूरी लौंग को दर्द वाले हिस्से के वहाँ दबा दें। इसी तरह लौंग का तेल सर्दी, फ्लू और पैरों में होने वाल फंगल इन्फेक्शन में भी बहुत फायदा करता है। तिल भी दाँत दर्द दूर करने में सहायक होता है। तिल में करीबन सात दर्दरोधी तत्व पाए जाते हैं। एक हिस्सा तिल और तीन हिस्से पानी लेकर उबालें, जब तक यह जलकर आधा न रह जाए। इसे ठंडा कर लें और फिर इससे दाँतों को साफ करें।

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