Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

क्यों होता है माइग्रेन?

समय पर इलाज जरूरी है

हमें फॉलो करें क्यों होता है माइग्रेन?
WDWD
अचानक क्लास में बैठे-बैठे ही जया को माइग्रेन होने लगा, थोड़ी ही देर में उसकी हालत ऐसी हो गई कि दो सहेलियाँ उसे मिलकर घर ले गईं, और घर जाकर उसे डॉक्टर के पास ले जाना पड़ा। वास्तव में माइग्रेन क्या होता है यह एक भुक्तभोगी ही बता सकता है।

यह कोई मामूली सिरदर्द नहीं होता इसमें सिर के एक ही हिस्से में दर्द होता है। आँखों के आगे प्रकाश की आड़ी-तिरछी लाइनें दिखाई देती हैं, जी घबराता है। सिर में असहनीय पीड़ा के चलते कभी-कभी ब्रेन हेमरेज या लकवा भी हो सकता है।

माइग्रेन के लक्षण आम सिरदर्द से बिल्कुल अलग होते हैं। इसमें व्यक्ति को आँखों में असामान्य सी चमक दिखाई देने लगती है। उसे शरीर के किसी हिस्से में सुन्नता सी मालूम पड़ती है।

शुरू-शुरू में तो दर्द हर गोलियों से दर्द ठीक भी हो जाता है परंतु बाद में ये दवाएँ भी बेअसर हो जाती हैं। मरीज की स्थिति इतनी नाजुक हो जाती है कि उसे तुरंत अस्पताल में भर्ती कराना पड़ता है।

माइग्रेन का कारण आनुवांशिक हो सकता है। यह लड़कों की अपेक्षा युवा होती लड़कियों में अधिकता से पाया गया है। क्योंकि लड़कियों का हार्मोन तंत्र कुछ पेचीदा किस्म का होता है। माइग्रेन का कारण मिर्गी भी हो सकता है लेकिन इसका इलाज होते ही माइग्रेन दूर हो जाता है। माइग्रेन हो या सिरदर्द दोनों तनाव से जुड़े हुए हैं। आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में तनाव और डिप्रेशन के चलते भावुक मन का कोई भी व्यक्ति इसका शिकार हो सकता है।

पर्याप्त नींद न लेना, भूखे पेट रहना और पर्याप्त मात्रा में पानी न पीना जैसे कुछ छोटे-छोटे कारणों से भी आपको माइग्रेन की शिकायत हो सकती है।

  आजकल की तनाव और भागदौड़ भरी जिंदगी में रोज व्यायाम, योग और ध्यान करने से आप अपने दिमाग को तनाव से मुक्त कर सकते हैं। आप जिस भी जगह पर रहें या काम करें वह जगह प्रकाश से चकाचौंध वाली, तेज धूप वाली, तेज गंध वाली नहीं होना चाहिए।      
माइग्रेन के रोगी यदि कुछ सावधानियाँ रखें तो उनके दौरों में आश्चर्यजनक रुप से कमी आ सकती है। आजकल डिब्बाबंद पदार्थों और जंक फूड का काफी चलन है। इनमें मैदे का बड़ी मात्रा में प्रयोग होता है, यदि आपको माइग्रेन की शिकायत है तो आप इन पदार्थों का सेवन कतई न करें।

पनीर, चाकलेट, चीज, नूडल्स, पके केले और कुछ प्रकार के नट्स में ऐसे रासायनिक तत्व पाए जाते हैं जो माइग्रेन को बढ़ा सकते हैं।

आजकल की तनाव और भागदौड़ भरी जिंदगी में रोज व्यायाम, योग और ध्यान करने से आप अपने दिमाग को तनाव से मुक्त कर सकते हैं। आप जिस भी जगह पर रहें या काम करें वह जगह प्रकाश से चकाचौंध वाली, तेज धूप वाली, तेज गंध वाली नहीं होना चाहिए। साथ ही साथ माइग्रेन वाले रोगियों को अच्छी नींद लेना चाहिए।

इसके अलावा आप जब भी ऐसा कोई दर्द महसूस करें तो सिर्फ अपने मन से कोई भी दर्दनिवारक गोली न लें, बल्कि किसी अच्छे न्यूरोलाजिस्ट को इस बारे में बताएँ और उनके बताए निर्देशों के अनुसार ही चलें।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi