दालें हमारे भोजन का सबसे महत्वपूर्ण भाग होती हैं। दुर्भाग्यवश आज आधुनिकता की दौड़ में फास्ट फूड के प्रचलन से हमारे भोजन में दालों का प्रयोग कम होता जा रहा है, जिसका दुष्प्रभाव लोगों, विशेषकर बच्चों एवं युवा वर्ग के स्वास्थ्य पर पड़ रहा है। दालों की सर्वप्रमुख विशेषता यह होती है कि पकने के बाद भी उनके पौष्टिक तत्व सुरक्षित रहते हैं। इनमें प्रोटीन और विटामिन्स बहुतायत में पाए जाते हैं।
* अरहर : इसे तुवर भी कहा जाता है।यह सुगमता से पचने वाली दाल है, अतः रोगी को भी दी जा सकती है, परंतु गैस, कब्ज एवं सांस के रोगियों को इसका सेवन कम ही करना चाहिए।
* मूंग : मूंग शक्तिवर्द्धक होती है। ज्वर और कब्ज के रोगियों के लिए इसका सेवन करना लाभदायक होता है।
* चना : कब्ज, डायबिटिज और पीलिया जैसे रोगों में चने का प्रयोग लाभकारी होता है। बालों और त्वचा की सौंदर्य वृद्धि के लिए चने के आटे का प्रयोग हितकारी होता है।
* उड़द : उड़द की तासीर ठंडी होती है, अतः इसका सेवन करते समय शुद्ध घी में हींग का बघार लगा लेना चाहिए। बवासीर, गठिया, दमा एवं लकवा के रोगियों को इसका सेवन कम करना चाहिए।