मुख शुद्धि से बढ़कर है सौंफ
सौंफ केवल खाने के बाद चबाने से मुँह में खुशबू पैदा करने का साधन ही नहीं है। यह बहुत-सी बीमारियों को भी किनारे पर रखने में सक्षम है। सौंफ में विटामिन सी की जबर्दस्त मात्रा है और इसमें आवश्यक खनिज भी हैं जैसे कैल्शियम, सोडियम, फॉस्फोरस, आयरन और पोटेशियम। पेट की बीमारियों के लिए यह बहुत प्रभावी दवा है जैसे मरोड़, दर्द और गैस्ट्रिक डिस्ऑर्डर के लिए। दिलचस्प बात यह है कि सौंफ आपकी याददाश्त बढ़ाती है, निगाह तेज करती है, खाँसी भगाती है और कोलेस्ट्रॉल स्तर को नियंत्रण में रखती है। अगर आप चाहते हैं कि आपका कोलेस्ट्रॉल स्तर न बढ़े तो खाने के लगभग 30 मिनट बाद एक चम्मच सौंफ खा लें। सूखी, रोस्टेड और कच्ची सौंफ को बराबर मात्रा में मिला लें। इसे खाने के बाद खाएँ। इससे पाचनक्रिया बेहतर रहेगी और आप हल्का महसूस करेंगे। अगर आप एक चम्मच सौंफ 2 कप पानी में उबाल लें और इस मिश्रण को दिन में दो-तीन बार लें तो आपकी आँतें अच्छा महसूस करेंगी और खाँसी भी लापता हो जाएगी। सौंफ की पत्तियों में खाँसी संबंधी परेशानियाँ जैसे दमा व ब्रोन्काइटिस को दूर रखने की भी क्षमता होती है। सौंफ को अंजीर के साथ खाएँ और खाँसी व ब्रोन्काइटिस को दूर भगाएँ।मासिक चक्र को नियमित बनाने के लिए सौंफ को गुड़ के साथ खाएँ।दस ग्राम पिसी हुई सौंफ में इतनी ही शकर मिला लें। हाथ-पैरों की जलन को दूर करने के लिए इसे खाएँ।