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सफेद बाल की समस्या व निवारण

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बालों का सफेद होना आम बात है। कई बार कम उम्र के लोगों के बाल सफेद हो जाते हैं और वे विभिन्न केमिकल्स द्वारा उन्हें रंगकर काले करने का प्रयास करते हैं। केमिकल्स से बालों की जड़ें कमजोर हो जाती हैं, साथ ही अन्य दूसरे साइड इफेक्ट्स भी आ जाते हैं। यहाँ सफेद बालों हेतु घरेलू नुस्खे से उपचार की जानकारी इस प्रकार है-

सफेद बालों हेतु घरेलू खिजा

पिसी हुई सूखी मेहँदी एक कप, कॉफी पावडर पिसा हुआ 1 चम्मच, दही 1 चम्मच, नीबू का रस 1 चम्मच, पिसा कत्था 1 चम्मच, ब्राह्मी बूटी का चूर्ण 1 चम्मच, आँवला चूर्ण 1 चम्मच और सूखे पोदीने का चूर्ण 1 चम्मच। इतनी मात्रा एक बार प्रयोग करने की है। इसे एक सप्ताह में एक बार या दो सप्ताह में एक बार अवकाश के दिन प्रयोग करना चाहिए।

सभी सामग्री पर्याप्त मात्रा में पानी लेकर भिगो दें और दो घण्टे तक रखा रहने दें। पानी इतना लें कि लेप गाढ़ा रहे, ताकि बालों में लगा रह सके। यदि बालों में रंग न लाना हो तो इस नुस्खे से कॉफी और कत्था हटा दें। पानी में दो घण्टे तक गलाने के बाद इस लेप को सिर के बालों में खूब अच्छी तरह, जड़ों तक लगाएँ और घण्टेभर तक सूखने दें।

इसके बाद बालों को पानी से धो डालें। बालों को धोने के लिए किसी भी प्रकार के साबुन का प्रयोग न करके, खेत या बाग की साफ मिट्टी, जो कि गहराई से ली गई हो, पानी में गलाकर, कपड़े से पानी छानकर, इस पानी से बालों को धोना चाहिए। मिट्टी के पानी से बाल धोने पर एक-एक बाल खिल जाता है जैसे शैम्पू से धोए हों।

लाभ : इस नुस्खे का प्रति सप्ताह प्रयोग करने से जहाँ बाल सुन्दर व मजबूत रहते हैं, वहीं सिर दर्द, अनिद्रा, शरीर की अतिरिक्त गर्मी, आँखों की जलन आदि व्याधियाँ दूर होती हैं। जिनके बाल अधपके होंगे वे इस नुस्खे के प्रयोग से काले दिखाई देंगे। खिजाब (हेयर डाई) लगाने की अपेक्षा इस नुस्खे का प्रयोग करना श्रेष्ठ है, क्योंकि खिजाब में जो केमिकल्स होते हैं, वे त्वचा पर बुरा असर करते हैं और रहे-सहे काले बाल भी सफेद हो जाते हैं। इस नुस्खे के सेवन से ऐसा कोई दुष्परिणाम नहीं होता।

* आमलकी रसायन आधा चम्मच प्रतिदिन सेवन करने से बाल प्राकृतिक रूप से जड़ से काले हो जाते हैं।

* एक छोटी कटोरी मेहँदी पावडर लें, इसमें दो बड़े चम्मच चाय का पानी, दो चम्मच आँवला पावडर, शिकाकाई व रीठा पावडर, एक चम्मच नीबू का रस, दो चम्मच दही, एक अंडा (जो अंडा न लेना चाहें वे न लें), आधा चम्मच नारियल तेल व थोड़ा-सा कत्था। यह सामग्री लोहे की कड़ाही में रात को भिगो दें। सुबह हाथों में दस्ताने पहनकर बालों में लगाएँ, त्वचा को बचाएँ, ताकि रंग न लगने पाए। दो घंटे बाद धो लें। यह आयुर्वेदिक खिजाब है, इससे बाल काले होंगे, लेकिन इन्हें कोई नुकसान नहीं होगा।

* सफेद बालों को कभी भी उखाड़ें नहीं, ऐसा करने से ये ज्यादा संख्या में बढ़ते हैं। सफेद बाल निकालना हों तो कैंची से काट दें या उन्हें काला करने वाला उपाय अपनाएँ।

* त्रिफला, नील, लोहे का बुरादा- तीनों 1-1 चम्मच लेकर भृंगराज पौधे के रस में डालकर रात को लोहे की कड़ाही में रख दें। प्रातः इसे बालों में लगाकर, सूख जाने के बाद धो डालें।

* जपा (जवाकुसुम या जास्बंद) के फूल और आँवला, एक साथ कूट-पीसकर लुगदी बनाकर, इसमें बराबर वजन में लौह चूर्ण मिलाकर पीस लें। इसे बालों में लगाकर सूखने के बाद धो डालें।

* रात को सोते समय नाक में दोनों तरफ षडबिन्दु तेल की 2-2 बूँद नियमित रूप से टपकाते रहें।

ये सभी प्रयोग धीरे-धीरे बालों को काला करने वाले हैं। कोई भी एक प्रयोग लगातार 5-6 माह तक करते रहें। षडबिन्दु तेल का प्रयोग अन्य प्रयोग करते हुए भी कर सकते हैं।

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आयुर्वेदिघरेलू लेप

सामग्री : 1 किलो शुद्ध मेहँदी, 25 ग्राम साबुत आँवला, 25 ग्राम आँवला पावडर, 25 ग्राम साबुत शिकाकाई, 25 ग्राम शिकाकाई पावडर, 25 ग्राम साबुत भृंगराज, 25 ग्राम भृंगराज पावडर, 25 ग्राम साबुत ब्राह्मी, 25 ग्राम ब्राह्मी पावडर।

लोहे की बड़ी कड़ाही में 5 लीटर पानी डालें व सभी सामग्री डालकर 3-4 घण्टे तक पकने दें। ठंडा करके फ्रिज में रख लें व पहले सप्ताह में दो बार, बाद में एक बार फिर महीने में तीन बार, तत्पश्चात्‌ महीने में दो बार लगाते रहें।

इस प्रयोग से बाल लाल नहीं, बल्कि कालापन लिए हुए दिखने लगेंगे व सफेद बाल इन काले बालों में ऐसे मिल जाएँगे कि देखने वाला भी उसकी मात्रा का अन्दाजा नहीं लगा पाएगा।

आवश्यकतानुसार अण्डे या दही का प्रयोग भी कर सकते हैं, ताकि बालों में रूखापन न रहे। पैक लगाने के दूसरे दिन सिर में आयुर्वेदिक तेल की मालिश अवश्य करें।

सफेद बालों हेतु तेल

नुस्खा 1 : मेहँदी, नीम और बेर की पत्तियाँ, पोदीना और अमरबेल, इन सबको पानी से धो साफ करके, सिल पर पानी के छींटे मारते हुए पीसकर लुगदी बना लें। लोहे की कढ़ाई में काले तिल या नारियल का तेल डालकर लुगदी डाल दें और आँच पर चढ़ाकर गर्म करें।

इसे इतनी देर तक तपाएँ कि लुग्दी जलकर काली पड़ जाए और तेल से झाग उठने लगें। अब कढ़ाई उतारकर किसी सुरक्षित स्थान पर ढँककर तीन दिन रखें। चौथे दिन तेल को कपड़े से छानकर ढक्कनदार काँच की बोतलों में भर लें। बस तेल तैयार है।

रात को सोने से पहले कटोरी में तेल लेकर, दोनों हाथों की उँगलियाँ तेल में डुबोकर बालों की जड़ों में लगाकर 15-20 मिनट तक मालिश करें। इस प्रयोग से बाल जड़ से काले पैदा होने लगते हैं, सिर में ठण्डक बनी रहती है और गहरी नींद आती है, यानी अनिद्रा रोग गायब हो जाता है।

इस तेल का प्रयोग करते समय किसी भी प्रकार का तेल, साबुन या शैम्पू का प्रयोग करना सख्त मना है। बालों को धोने के लिए मुल्तानी मिट्टी या खेत की मिट्टी पानी में गलाकर कपड़े से छान लें और छना हुआ पानी बालों में लगाकर मसलें फिर साफ पानी से बालों को पोंछकर सुखा लें। बाल गीले न रखें, पूरी तरह बाल सूखने पर ही तेल लगाएँ।

नुस्खा 2 : नारियल तेल एक लीटर, मेथी दाना 25 ग्राम, करी पत्ता 25 ग्राम, तेज पत्ता 5 पत्ते, त्रिफला चूर्ण 25 ग्राम, शिकाकाई पावडर 25 ग्राम, जासवंद पावडर 25 ग्राम।

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सभी सामग्रियों को मिलाकर तेल में पकाएँ। ठंडा होने पर छानकर रख लें। सप्ताह में दो बार यह तेल लगाएँ।

नुस्खा 3 : मुल्तानी मिट्टी को रात को दही के साथ भिगो दें, दूसरी ओर एक अन्य बर्तन में त्रिफला चूर्ण और शिकाकाई भी भिगो दें, फिर त्रिफला चूर्ण वाला पानी निथारकर मुल्तानी मिट्टी वाले बर्तन में डालकर अच्छी तरह फेंट लें। इससे सिर के बालों को सप्ताह में 2 बार, नहीं तो कम से कम एक बार तो अवश्य धोएँ, बाल मुलायम रहेंगे और काले बने रहेंगे। बाल यदि झड़ते हों तो वह रोग भी इस प्रयोग से खत्म हो जाएगा।

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