झाइयां किन कारणों से हो सकती है ?
झाइयां यानी पूरे चेहरे पर भूरे या काले रंग के धब्बे पड़ जाना। यह दोनों गालों से शुरू होकर कई बार नाक और आंख के ऊपरी हिस्से (भौंहे) तक फैल जाती है। जिन लोगों के चेहरे पर झाइयां हो जाती है, वे ही समझ सकते है कि इसका सही उपचार उनके लिए कितना मायने रखता है। झाइयां के धब्बों की वजह से चेहरे की खूबसूरती पूरी तरह से चले जाती है। झाइयों का उपचार करने से पहले आपको यह मालूम होना चाहिए कि यह किस वजह से होती है और इसके कितने प्रकार होते हैं और इनमें से आपके चेहरे पर कौन से टाइप की झाइयां है।
आइए, पहले जानते हैं कि चेहरे पर झाइयां किन कारणों से हो सकती है-
-हार्मोनल असंतुलन
-गर्भधारण करने की स्थिति में हो सकता है या गर्भ निरोधक गोलियां लंबे समय तक लेने से हो सकता है।
-अनुवांशिक कारण
-धूप की किरणों से बचाव न करने की वजह से।
- कुछ कॉस्मेटिक उत्पाद जिनसे एलर्जी हो।
- झाइयां थायरॉइड बीमारी के मरीजों में भी देखी जा सकती है।
- रजोनिवृत्ति के समय बढ़ जाती हैं।
आइए, अब जानते हैं झाइयों के 4 प्रकार
पिगमेंटेशन कितनी गहराई तक है, उसके अनुसार झाइयों को चार भागों में विभाजित किया गया है -
1 एपीडर्मल झाइयां : इस अवस्था में केवल ऊपरी सतह ही प्रभावित होती है। इस तरह की झाइयों को ठीक करना आसान होता है।
2. डर्मल झाइयां : इसमें पिगमेंटेशन त्वचा की गहराई तक होता है। इसका ट्रीटमेंट कठिन होता है।
3 मिश्रित : इस तरह की झाइयों का ट्रीटमेंट काफी कठिन होता है। इसमें लेज़र और पील उपचार आदि को संयुक्त रूप में दिया जाता है।
4. अस्पष्ट झाइयां : इस तरह की झाइयां बहुत गहरे रंग की त्वचा में पाई जाती हैं। ऐसी अवस्था में त्वचा की स्थिति के बारे में जानना आसान नहीं होता।