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किचन की भरोसेमंद साथी सौंफ

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हकीम मोहम्मद तारि
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भारतीय अपने हर भोजन के बाद सौंफ से मुँह का स्वाद ठीक करना चाहते हैं। उन्हें इस बात का पता नहीं होता कि सौंफ में चमत्कारिक गुण हैं। हर भोजन के बाद इसे पाचक माना जाता है, लेकिन बहुत कम लोगों को पता है कि यह रक्तशोधक भी है।

विटामिन 'सी' से युक्त सौंफ में कैल्शियम, सोडियम, फॉस्फोरस, आयरन और पोटेशियम जैसे अहम तत्व होते हैं और यूनानी दवाओं में सौंफ की बेहद सिफारिश की जाती है। पेट के कई विकारों जैसे मरोड़, दर्द और गैस्ट्रो विकार के उपचार में यह बहुत लाभकारी है। सौंफ स्मृति और नेत्र ज्योति बढ़ाती है। इससे कफ का इलाज हो सकता है और इससे कॉलेस्ट्रोल भी काबू में रहता है।

चमत्कारी सौंफ के सेहत के लिए फायदे कुछ इस प्रकार हैं-

भोजन के बाद रोजाना 30 मिनट बाद सौंफ लेने से कॉलेस्ट्रोल काबू में रहता है।

5-6 ग्राम सौंफ लेने से लीवर और आँखों की ज्योति ठीक रहती है।

अपच संबंधी विकारों में सौंफ बेहद उपयोगी है। बिना तेल के तवे पर तली हुई सौंफ और बिना तली सौंफ के मिक्चर से अपच के मामले में बहुत लाभ होता है। दो कप पानी में उबली हुई एक चम्मच सौंफ को दो या तीन बार लेने से अपच और कफ की समस्या समाप्त होती है।

अस्थमा और खाँसी के उपचार में सौंफ सहायक है। कफ और खाँसी के इलाज के लिए सौंफ खाना उपयोगी है।

गुड़ के साथ सौंफ खाने से मासिक धर्म नियमित होता है।

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यह शिशुओं के पेट और उनके पेट के अफारे को दूर करने में बहुत उपयोगी है। एक चम्मच सौंफ को एक कप पानी में उबलने दें और 20 मिनट तक इसे ठंडा होने दें। इससे शिशु के कॉलिक का उपचार होने में मदद मिलती है। शिशु को एक या दो चम्मच से ज्यादा यह घोल नहीं देना चाहिए।

सौंफ के पावडर को शकर के साथ बराबर मिलाकर लेने से हाथों और पैरों की जलन दूर होती है। भोजन के बाद 10 ग्राम सौंफ लेनी चाहिए।

भोजन के बाद सौंफ चबाने से साँस तरोताजा रहती है, अपच दूर होती है और कब्ज भी खत्म होती है। मितली का अहसास भी इससे दूर होता है।

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