-
अपर्णा मजूमदार
मौसम के साथ-साथ त्वचा में बदलाव आता है। इसलिए गर्मी, बरसात और ठंड के मौसम के अनुरूप अलग-अलग ढंग से त्वचा की देखभाल की आवश्यकता होती है।
गर्मी का मौसम
* गर्मी के दिनों में तेज धूप और गर्म हवाएँ त्वचा को काफी नुकसान पहुँचाती हैं। इस मौसम में पसीने की चिपचिपाहट का भी सामना करना पड़ता है।
* गर्मी के मौसम में पसीना अधिक निकलने की वजह से घमौरी, खाज, खुजली आदि की शिकायत भी उत्पन्न हो जाती है।
* तेज धूप में निकलने पर त्वचा पर सनबर्न, पिगमेंटेशन आदि की समस्या भी उत्पन्न हो जाती है।
* अधिक गर्मी और पसीने की वजह से बगलों व जाँघों में संक्रमण हो जाता है।
बचाव के उपाय
* दिन में कम से कम दो बार ठंडे पानी से रगड़-रगड़कर स्नान करें।
* साफ, धुले, सूती कपड़े पहनें। अंतर्वस्त्र दो बार बदलें।
* दिनभर में 3-4 बार चेहरे को फेसवॉश से साफ करें।
* ककड़ी, खीरा, संतरा या मौसम्बी का रस निकाल लें। इसे ट्रे में डालकर फ्रिज में जमने के लिए रख दें। इसके क्यूब को चेहरे पर मलें। चेहरा चमक उठेगा। रोमकूपों और मुँहासों के लिए भी लाभदायक होता है।
* पानी में थोड़ी-सी फिटकरी मिलाकर इसे आइस क्यूब में रखकर फ्रिज में जमा लें। यह क्यूब चेहरे पर रगड़ने से ताजगी मिलती है।
* गर्मी के दिनों में ब्लीचिंग न करवाएँ। इससे त्वचा काली हो जाने का डर रहता है।
* धूप में निकलने पर सनस्क्रीन या सन ब्लॉक क्रीम, लोशन का इस्तेमाल करें।
ठंड का मौसम
* ठंड के मौसम में वातावरण की नमी और सर्द हवाएँ त्वचा को हानि पहुँचाती हैं। मौसम के प्रभाव से त्वचा शुष्क हो जाती है और फटने लगती है।
* चेहरा बुझा-बुझा और बेजान लगता है। बालों में रूसी की समस्या पैदा हो जाती है।
* त्वचा पर खुजली, स्क्रेच, दाने आदि की समस्या उत्पन्न हो जाती है।
बचाव के उपाय
* इस मौसम में साबुन कम इस्तेमाल करना चाहिए, क्योंकि साबुन त्वचा की शुष्कता को और बढ़ा देता है।
* त्वचा पर कोक बटर, मिल्क क्रीम, मक्खन, कोल्ड क्रीम, मॉइश्चराइजर आदि की मालिश करें।
* अधिक गर्म पानी से स्नान न करें। स्नान करते समय पानी में कुछ बूँदें बेबी ऑइल, ऑलिव ऑइल या बॉडी ऑइल भी डालें। इससे त्वचा मुलायम बनी रहेगी।
* इस मौसम में स्टीम बाथ लेना त्वचा के लिए काफी लाभदायक होता है। इससे त्वचा की शुष्कता दूर होती है।
* शरीर पर जैतून, नारियल, सरसों आदि तेलों की मालिश करने से त्वचा मुलायम बनी रहती है।
* बाहर से आने के बाद हाथ-पैर, चेहरा धोने के बाद हैंड एंड बॉडी लोशन लगाएँ। इससे हाथ-पैर व चेहरे की त्वचा मुलायम बनी रहेगी।
बरसात का मौसम
* बारिश के मौसम में हवा में अधिक नमी होने की वजह से त्वचा पर कई प्रकार की समस्याएँ उत्पन्न हो जाती हैं।
* इस मौसम में अधिक देर तक गीले रहने से त्वचा कट-फट जाती है। फंगल इंफेक्शन होने का भी भय रहता है।
* इस मौसम में चेहरे पर कील-मुँहासे की समस्या अधिक होती है।
बचाव के उपाय
* इस मौसम में बाल अधिक तैलीय हो जाते हैं, इसलिए बालों को सप्ताह में दो-तीन बार शैम्पू करें। बाल बारिश में भीगने के बाद शैम्पू जरूर करें।
* बारिश के दिनों में पैरों की तरफ भी विशेष ध्यान देने की आवश्यकता होती है।
* पसीने और बारिश के पानी से पैर की उँगलियों के बीच काफी मैल जम जाती है।
* पैरों में बदबू की समस्या भी हो जाती है। दिन में दो-तीन बार पैरों को अच्छे से साफ करें।
* बरसात के मौसम में त्वचा की सफाई के साथ-साथ पेट की सफाई का भी ध्यान रखना चाहिए।
* पेट की गड़बड़ी होने से त्वचा निर्जीव व कांतिहीन हो जाती है तथा चेहरा भी बुझा-बुझा-सा दिखाई देता है।
* नहाने के पानी में नीबू का रस या गुलाब जल डालकर स्नान करें। इससे ताजगी बनी रहेगी।
* बरसात के दिनों में वाटरप्रूफ मेकअप करें, जिससे रिमझिम फुहार से मेकअप प्रभावित न हो।
* इस मौसम में हाथ-पैर व त्वचा पर कोल्डक्रीम, जैतून का तेल, बॉडी या बेबी ऑइल अवश्य लगाएँ। इससे त्वचा मुलायम बनी रहेगी।
* बरसात के दिनों में साफ व सूखे कपड़े पहनें।
* कपड़े ऐसे पहनें, जिससे शरीर का अधिकांश भाग ढँका रहे।