* बड़ की जटा का चूर्ण दूध की लस्सी के साथ पीने से नकसीर रोग ठीक होता है।
* बहेड़े और शक्कर बराबर मात्रा में मिलाकर सेवन करने से आँखों की रोशनी में बढ़ोतरी होती है।
* चूने में दूब बराबर मात्रा में पानी में पीस लें। इस मिश्रण का लेप मस्तक पर करने से मस्तक की पीड़ा दूर होती है।
* इलायची का छिलका दाँतों के रोग, सिरदर्द और मुँह की सूजन में लाभ पहुँचाता है।
* ईसबगोल और मिश्री बराबर-बराबर मात्रा में मिला लें। दूध से इस मिश्रण को एक-एक चम्मच लेने से स्वप्नदोष रोग नहीं सताता है। मिश्रण को दूध से सोने से एक घंटा पूर्व ले लेना चाहिए।
साभार- डायमंड प्रकाशन