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शहद प्रकृति का अमृत

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शुद्ध शहद की जाँच : * काँच के गिलास में पानी भरकर शहद की एक बूँद टपकाने के बाद सीधी तली तक जाकर बैठ जाए तो शहद शुद्ध।

* शहद की एक बूँलकड़ी या किसी प्लेट पर टपका दें, आग लगा दें, असली शहद तत्काल जलेगा, नकली देर से जलेगा।

* शुद्ध शहद सुगंधित होता है, जाड़े में जम जाता है, गर्मी में पिघल जाता है। शुद्ध शहद का दाग नहीं लगता। किसी प्लेट पर चार बूँद टपकाएँ तो नीचे साँप की कुंडली जैसी बन जाती है। शुद्ध शहद में मक्खी के पंख फँसेंगे नहीं। आँख पर लगाने से जलन करेगा, लेकिन चिरमिराहट नहीं करेगा, बल्कि थोड़ी देर बाद ठंडक देगा। देखने में पारदर्शी व साफ नजर आता है। कुत्ता कभी शुद्ध शहद नहीं खाएगा।

सेवन की विधि : गर्म करके गर्म पदार्थों के साथ उष्मावकाश में सेवन नहीं करना चाहिए। गरिष्ठ पदार्थो के साथ भी सेवन त्याज्य है। गर्म किया शहद, गर्म पदार्थ एवं जो छूने में गर्म लगे ऐसे पदार्थों के साथ दिया शहद एकदम हानिप्रद साबित होता है। वमन कार्य व निरुह वस्ति में गर्म शहद का निषेध नहीं है। इन दोनों अवस्था में शहद शरीर से पाक हुए बिना ही जल्दी निकल जाता है अतः हानि नहीं कर पाता। दूध व जल से सेवन समय दोनों वस्तुएँ ठंडी होना चाहिए। शहद व घी सम मात्रा में मिलाकर कभी भी सेवन नहीं करना चाहिए। जल भी समान मात्रा में नहीं होना चाहिए। घी की मात्रा 1/4 चौथाई व पानी की चार गुना होना चाहिए।

अकेला शहद खाना मना है, कुछ पदार्थों के साथ भी वर्जित है, जैसे खाण्ड, मिश्री, शकर, गुड़, तेल, घी, पका कटहल, मछली, अण्डा, मांस के अलावा, गर्म दवाइयाँ, गर्म पदार्थ, गर्म पेय वर्जित है। बिना शकर मिलाए दूध जो कि ठंडा किया हुआ हो, शहद मिलाकर पीने से दुबलापन दूर होकर कान्ति तेजोमय हो जाती है। शरीर सुडौल, बलवान व पुष्ठ हो जाता है। जिन्हें मोटापा घटाना है, वे नित्य प्रातः एक गिलास ठंडे पानी में चम्मचभर शहद घोलकर सेवन करें। शहद को फल, फलों का रस, दूध व बादाम के साथ सेवन करना चाहिए।

सेवन का श्रेष्ठ तरीका : प्रतिदिन एक बादाम सुबह पानी में गला दीजिए। संध्या छिलका उतार कर घिस कर लेप उतार लें। एक गिलास ठंडे दूध में शहद मिलाकर घोल को मिला लें व घूँट-घूँटकर के सेवन करें सोते समय, बलवीर्य की वृद्धि होती है।

* अदरक का रस व शहद चाटने से श्वास कष्ट, खाँसी में आराम मिलता है।

* प्याज के रस के साथ शहद मिला देने से फेफड़े और गले में जमा कफ निकल जाता है। हिचकी व वमन में लाभ पहुँचता है।

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