Rohit Sharma रोहित शर्मा की Captaincy कप्तानी में भारत पहला आईसीसी टूर्नामेंट का फाइनल खेल रहा है। हालांकि WTC Final विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल के पहले दिन रोहित शर्मा के टॉस जीतकर गेंदबाजी करने की आलोचना शुरु हो गई जब भारतीय टीम ने 76 रनों पर 3 विकेट लेकर ऑस्ट्रेलिया को पहले दिन 327 रन बनाने दिए।
रोहित शर्मा ने बादलों को देखकर टॉस जीतकर गेंदबाजी चुनी और 1 घंटे बाद मैदान पर धूप आने लगी और फैसला गलत साबित हो गया। इसकी आलोचना भारत के पूर्व कोच रवि शास्त्री ने भी की।
भारत के रक्षात्मक रवैए से निराश पूर्व मुख्य कोच रवि शास्त्री ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (डब्ल्यूटीसी) फाइनल में कप्तान रोहित शर्मा ने टॉस जीतकर पहले क्षेत्ररक्षण का फैसला करके सकारात्मक मानसिकता नहीं दिखाई। भारत ने अनुभवी ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन को अंतिम एकादश में जगह नहीं दी और चार तेज गेंदबाजों के साथ उतरने का फैसला किया। पिच पर घास होने और बादल छाए रहने के कारण भारत ने टॉस जीतकर पहले क्षेत्ररक्षण का फैसला किया।
उसका यह फैसला सही साबित नहीं हुआ। ऑस्ट्रेलिया ने ट्रेविस हेड (नाबाद 146) और स्टीव स्मिथ (नाबाद 95) के बीच चौथे विकेट के लिए 251 रन की अटूट साझेदारी की मदद से पहले दिन तीन विकेट पर 327 रन बनाए।
शास्त्री ने पहले दिन का खेल समाप्त होने के बाद आईसीसी से कहा, पहले दिन जो हुआ वह टॉस जीतकर पहले क्षेत्ररक्षण करने की मानसिकता से जुड़ा हुआ है। इसलिए आप चार तेज गेंदबाज और एक स्पिनर के साथ उतरे। उन्होंने कहा, अगर मानसिकता सकारात्मक होती तो आप पहले बल्लेबाजी का फैसला करते। पहला सत्र संभल कर खेलते और फिर देखते कि क्या आप दिन में 250 रन तक पहुंच सकते हो। बहुत बड़े स्कोर के बारे में नहीं सोचते और अगर परिस्थितियां बेहतर होती और पहला सत्र अच्छा निकल जाता तो आप इससे भी बड़ा स्कोर बना सकते थे।
फैंस राहुल द्रविड़ की कोचिंग से हैरान
वहीं कई भारतीय क्रिकेट फैंस राहुल द्रविड़ की कोचिंग से हैरान हो गए जब टीम इंडिया के गेंदबाज पहले दिन के 2 सत्रों में सिर्फ 1 विकेट निकाल पाई। यह गुस्सा ट्वीट्स के माध्यम से टीम के गेंदबाजी कोच पारस महाब्रे पर भी उतरा जिन्होंने रविचंद्रन अश्विन को बाहर बैठाने का प्लान बनाया था।
फैंस की मानें तो टी-20 टूर्नामेंट जैसे कि एशिया कप और टी-20 विश्वकप के फाइनल में भारत नहीं आ पाया लेकिन टेस्ट क्रिकेट तो राहुल द्रविड़ की ताकत रही है। खासकर तब जब द ओवल के मैदान को वह अच्छी तरह से जानते हैं, इस मैदान पर साल 2002 में राहुल द्रविड़ ने 217 रनों की पारी खेली थी।