World family day 2024: 15 मई को अंतर्राष्ट्रीय परिवार दिवस मनाया जाता है। जा के दौर में संयुक्त परिवार को करीब करीब टूट गए हैं। भारत के अधिकतर ग्रामीण क्षेत्रों में ही संयुक्त परिवार बचा हुआ है। परिवार टूटने के कई कारण है जिसमें से एक है अहंकार, दूसरा है रुपया, तीसरा वैचारिक मतभेद, चौथा अधिकारों का विवाद और पांचवां निजता में हस्तक्षेप। आओ जानते हैं परिवार का महत्व।
1. कलह से कुल का नाश होता है। कुलिनता से कुल की वृद्धि। शस्त्र विरुद्ध विवाह परिवार ही नहीं कुल का भी नाश कर देता है।
2. शास्त्र कहता है कि परिवार का केंद्र स्त्री और धर्म होता है। दोनों का सम्मान ही परिवार और समाज को मजबूत बनाता है। स्त्री जहां परिवार की धुरी है वहीं, धर्म उस धुरी की ताकत है। जिस परिवार में स्त्री और धर्म का सम्मान नहीं होता उसका टूटना तय है।
3. किसी भी बच्चे का जन्म यदि संयुक्त परिवार में हुआ है तो ऐसा माना जाता है कि उसका मानसिक विकास तेजी से और वृहत्तर होगा।
4. आज के बदलते सामाजिक परिदृश्य में संयुक्त तेजी से टूट रहे हैं और उनकी जगह एकल परिवार लेते जा रहे हैं, लेकिन बदलती जीवनशैली और प्रतिस्पर्धा के दौर में तनाव तथा अन्य मानसिक समस्याओं से निपटने में अपनों का साथ अहम भूमिका निभा सकता है। संयुक्त परिवारों में आसपास काफी लोगों की मौजूदगी एक सहारे का काम करती है।
5. संयुक्त परिवार में जहां बच्चों का लालन-पालन और मानसिक विकास अच्छे से होता है वहीं वृद्धजन का अंतिम समय भी शांति और खुशी से गुजरता है। वह अपनी सभी इच्छाओं की पूर्ति कर सकते हैं। हमारे बच्चे संयुक्त परिवार में दादा-दादी, काका-काकी, बुआ आदि के प्यार की छांव में खेलते-कूदते और संस्कारों को सीखते हुए बड़े हो। संयुक्त परिवार से ही संस्कारों का जन्म होता है। संस्कार ही संयुक्त परिवार या एकल परिवार को बचाकर रखते हैं।