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प्रकरण को उजागर किया, तो दुनिया दंग रह गई थी और शीतलपेयों में कीटनाशकों की मात्रा का मामला भी एक युवती ने ही उठाया था। डायरी से जुड़ा हवाला कांड हो या बोफोर्स या फिर तेलगी कांड और तेल सौदों का घपला ही क्यों न हो, भ्रष्ट राजनीतिक दलों और राजनेताओं से ऊपर कानून की जीत ने देश का मान बढ़ाया है। इससे एक बार फिर साबित हो गया है कि भले ही हमारे देश में अव्यवस्था का बोलबाला है, लेकिन उसे दुरुस्त करने के लिए बनाया गया कानून बिकाऊ या दब्बू नहीं है।
सारी दुनिया जब-जब भारत को टूटता या झुकता देखने के सपने सँजोने लगती है, तब-तब कोई शख्स अपने महत्वपूर्ण फैसले से उनके सपनों को ताश के पत्तों की तरह बिखेर कर यह धारणा पुख्ता कर देता है कि पाँच हजार साल पुरानी सभ्यता वाला यह देश वैसा नहीं है, जैसा दिखाई देता है। आज दुनिया भर को भारत का स्वरूप बिगड़ता दिखाई दे, लेकिन हकीकत तो यह है कि हम एक सुधारवादी युग की ओर अग्रसर होते जा रहे हैं। इसे यूँ भी कहा जा सकता है कि देश सुधर रहा है।