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आजादी के 61 वर्ष बाद तकनीक

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गरिमा माहेश्वरी

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भारत ने अपनी आजादी के 61 वर्षों में बहुत विकास कर लिया है। विकास की इस वर्षगाँठ पर नजर डालते हैं भारत के दो ऐसे स्तंभों पर जिन्होंने अपने प्रयासों से भारत के लिए नए कीर्तिमान रच दिए।

इनमें से पहला स्तंभ है- भारतीय अन्तरिक्ष अनुसंधान संगठन यानी इसरो। यह भारत की नेशनल स्पेस एजेंसी है। इसमें लगभग 20,000 लोग काम करते हैं। इसरो अपने उपग्रह ‘पोलर सेटेलाइट लांच वेहिकल’ और जीएसएलवी का प्रयोग करके करता है।

भारत से लांच होने वाला पहला उपग्रह आर्य भट्ट था जिसे 1975 में लांच किया गया था। जीएसएलवी द्वारा पहला लांच 2001 में किया गया था। इसरो के आगामी प्रोजेक्ट्‍स में चंद्रयान, अवतार स्क्रेमजेट के साथ ही दूसरे देशों के लिए किए जाने वाले पेलोड लांच भी शामिल हैं। हाल ही में इसरो के पीएसएलवी ने 10 नए उपग्रह लांच किए हैं। इनमें से 2 उपग्रह भारतीय हैं और बाकी 8 यूरोप और कनाडा के माइक्रो उपग्रह हैं।

भारत का दूसरा स्तंभ सुरक्षा के क्षेत्र में कार्यरत है। यह है-‘डिफेंस एंड डेवलपमेंट संस्थान’। इस संस्थान की स्थापना 1958 में की गई थी। यह संस्थान अब 50 लेबोरेट्रियों का नेटवर्क है जो डिफेंस और तकनीकी क्षेत्र के विकास के लिए कार्यरत हैं। यह संस्थान मिसाइल निर्माण, राडार निर्माण आदि क्षेत्रों में काम करता है। इस संस्थान में लगभग 5000 वैज्ञानिक काम करते हैं। तो ये हैं भारत के दो संस्थान जिन्हें हम भविष्य का आधारस्तंभ कह सकते हैं।

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