अमेरिका के हेरिटेज फाउंडेशन तथा वॉल स्ट्रीट जर्नल द्वारा इस वर्ष के आरंभ में जारी आर्थिक स्वतंत्रता सूचकांक में भारत कुल 157 देशों की सूची में 115वें क्रम पर रहा। पाकिस्तान, नेपाल व श्रीलंका जैसे पड़ोसी देश क्रमशः 93वें, 112वें तथा 90वें क्रम पर रहे, जबकि चीन 126वें क्रम पर था। एशिया-प्रशांत क्षेत्र के 30 देशों में भारत 21वें क्रम पर रहा।
हेरिटेज फाउंडेशन ने भारत को आर्थिक पैमाने पर 54.2 प्रतिशत 'स्वतंत्र' पाया। फाउंडेशन के मापदंडों के अनुसार 50 से 59.9 प्रतिशत आर्थिक स्वतंत्रता वाले देश 'लगभग अ-स्वतंत्र' माने गए हैं। यहाँ यह जानना दिलचस्प होगा कि आर्थिक स्वतंत्रता नापने का फाउंडेशन का आधार क्या था। उसने दस कारकों के आधार पर यह सूचकांक तैयार किया। इनमें संपत्ति के अधिकार, पारिश्रमिक तथा वस्तुओं के मूल्यों का नियमन, व्यापार नियंत्रण आदि शामिल थे।
जिन मामलों में भारत का प्रदर्शन विश्व औसत से बेहतर रहा, वे हैं- सरकार का छोटा आकार, श्रमिक स्वतंत्रता तथा संपत्ति के अधिकार। नकारात्मक मामलों में भ्रष्टाचार से आजादी न मिलना प्रमुख है। वैसे भारत की स्थिति में गत वर्ष के मुकाबले 0.1 प्रतिशत का सुधार आया है।
हेरिटेज फाउंडेशन की सूची में सर्वाधिक आर्थिक स्वतंत्रता वाले 'टॉप टेन' देश थे- क्रमशः हांगकांग, सिंगापुर, आयरलैंड, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, अमेरिका, ब्रिटेन, चिली, स्विट्जरलैंड तथा कनाडा। (नईदुनिया)