Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

स्वतंत्रता दिवस पर देखें दिल्ली का दिल

हमें फॉलो करें स्वतंत्रता दिवस पर देखें दिल्ली का दिल
WDWD
गरिमा माहेश्वर
आज स्वतंत्रता दिवस है और हर बार की तरह दिल्ली का दिल यानी की लाल किला एक बार फिर सजकर तैयार है। तो चलिए डालते हैं एक नजर भारत की इस अनमोल धरोहर पर।

लाल किला, शायद बहुत कम लोग यह जानते होंगे कि जिस लाल किले पर हर साल 15 अगस्त के दिन तिरंगा फहराया जाता है वह लगभग 350 वर्ष पुराना है। लेकिन आज भी यह किला उसी शान से खड़ा हुआ है।

इस किले का निर्माण शहाबुद्दीन मोहम्मद ने 1639 में शुरू किया था। इसके निर्माण के लिए सलीमगढ़ नामक स्थान चुना गया क्योकि यहाँ की मिट्टी बहुत उपजाऊ थी और साथ ही बगल में बहती थी यमुना नदी।इसके निर्माण कार्य में उस्ताद हामिद और उस्ताद अहमद नामक राज मिस्त्रियों ने सहयोग किया था।

इस किले के निर्माण में 9 वर्ष और लगभग 1 करोड़ रूपए लगे थे। इस किले में पहली बार 1648 में दरबार लगाया गया था।लाल किले में दो दरवाज़े हैं जो ‘दिल्ली दरवाज़’ और ‘लाहौर दरवाज़ा' के नाम से प्रसिद्ध हैं। लाल किले के अंदर ज़्यादातर लाहौर दरवाज़े के द्वारा प्रवेश किया जाता है। अंदर एक नक्कार खाना है और यह वो स्थान है जहाँ मसंदबहार रहा करते थे

लालकिले के बारे में एक खास बात और है, यह भारत की पहली ऐसी ऐतिहासिक इमारत है जिसमें प्रवेश शुल्क सबसे कम पर कमाई सबसे अधिक है। लाल किले को सबसे ज़्यादा नुकसान फौजी बैरकों की वजह से हुआ। इसकी मरम्मत का कार्य आज भी चालू है। भारत की इस अनमोल धरोहर को जिस तरह से आज के दिन सजाया जाता है, उम्मीद है कि इसे हम इसी तरह सजाकर सहेज कर रखेंगे और देश की शान को इसी तरह बरकरार रखेंगे।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi