हम सभी साल 2022 में आजादी के 75 साल पूरे होने का जश्न मना रहे हैं। हर घर तिरंगा, घर-घर तिरंगा अभियान ने जोर पकड़ लिया है। आइए जानते हैं इस अवसर पर एक शानदार जोरदार स्पीच की कैसे करें तैयारी....
सबसे पहली बात तो यह है कि यह स्पीच हर बार की स्वतंत्रता दिवस स्पीच से अलग होगी क्योंकि यह हमारा अमृत महोत्सव है। आजादी के 75 साल पूरे होने जा रहे हैं यह बात जितना गौरवशाली हमें महसूस करा रही है उतना ही गौरव स्पीच में झलकना चाहिए।
दूसरी बात यह है कि आपकी वाणी से, व्यवहार, वचन और व्यक्तित्व से वह गौरव दिखना और महसूस होना चाहिए कि हमें अपने देश पर, अपनी आजादी पर, अपने क्रांतिकारियों पर और इस मिट्टी पर अभिमान है। यानी हमें पूरी उमंग, ऊर्जा और उत्साह से स्पीच के पहले खुद को तैयार करना चाहिए।
अब जाहिर है कि स्वतंत्रता दिवस पर हम जो अब तक बोलते-कहते आए हैं इस बार तैयारी और मेहनत कुछ अलग होगी कुछ खास होगी सो शुरू कर दीजिए संदर्भ जुटाना....
आपको यह याद रखना है कि पूरे 75 साल समेटना संभव नहीं है तो आप मुख्य बिंदू पर फोकस करें कि क्या बोलना है और किन बातों से बचना है। आप अपनी स्पीच को कल, आज और कल की थीम में समेट सकते हैं।
आप अपनी स्पीच को आजादी वाले वर्ष और वर्तमान वर्ष में तुलनात्मक रूप से अंतर करते हुए भाषायी चमत्कार पैदा कर सकते हैं।
आप यह भी कर सकते हैं कि देश के विकास, प्रगति और आने वाली संभावनाओं पर फोकस कर सकते हैं।
75 साल की गाथा के मुख्य पड़ाव आप जिन्हें मानते हैं उन्हें सूची बद्ध कर सकते हैं।
75 साल की गौरव गाथा का वर्णन बहुत लंबा और बोझिल न हो इसलिए आपको 'कट टू कट' की नीति अपनानी चाहिए।
एक सामान्य सी बात आप यह भी समझ सकते हैं कि यह तो हर कोई बोलेगा तो नया क्या हो, ऐसे में अपना समय बहुत सारा एक ही बात को दोहराने में न लगाएं। सबको पता है पहले प्रधानमंत्री ने क्या कहा था और आज के प्रधानमंत्री क्या कह रहे हैं।
आपको व्यक्ति की स्तुति के बजाय उनकी तत्कालीन परिस्थितियों, नीतियों और फैसलों पर ध्यान केन्द्रित करना चाहिए।
सबसे अहम अपनी स्पीच को रोचक और प्रभावशाली बनाने के लिए शेरो शायरी, कविताएं, कोटेशंस और सही आंकड़ों का खजाना तैयार रखना चाहिए।
आपको अपने दिमाग में यह स्पष्ट रखना होगा कि कितनी बातें कहनी है और किस ढंग व किस शैली में कहनी है।
आपको कोई भी चीज रटना नहीं है बल्कि देशभक्ति से ओतप्रोत संवादों, नामों और पलों को खुद तैयार कर उन्हें इस तरह आत्मसात करना है कि वह खुद ब खुद आपकी वाणी से झरने लगे।
एक तैयारी अपने परिधान को लेकर भी करें। आपके परिधान भारतीय परंपरा के अनुसार हो, गरिमामयी हो तो पहला प्रभाव श्रोताओं पर उसी का पड़ता है।
अपनी बॉडी लैंग्वेज को कांच के सामने या अपने किसी सही सलाह देने वाले मित्र के सामने आलोचनात्मक दृष्टि से देखें और यथासंभव कमियों को दूर करें।
आजादी के इस अमृत महोत्सव को मनाए जाने के कारणों की सूची आपके दिमाग में स्पष्ट होना चाहिए।
आजादी के अमृत महोत्सव पर क्या किया जा रहा है, देश भर में क्या अभियान चलाए जा रहे हैं, मीडिया क्या तैयारी कर रहा है, क्या कुछ आयोजन होंगे, क्या योजनाएं लागू हो सकती है इस पर भरपूर तैयारी रखें।
वर्तमान में कौन किस पद पर है, और तब कौन किस पद पर थे इसकी सही और पुख्ता जानकारी होना चाहिए।
भाषण
मेरे प्यारे मित्रों/मेरे देशवासियों/ मेरे देश के निवासियों के अलावा जय हिन्दी वंदेमातरम, भारत माता की जय के उद्घोष के साथ भी अपनी बात का आरंभ किया जा सकता है और अंत भी ऐसे ही नारों या कविताओं के साथ करना चाहिए।
आजादी के अमृत महोत्सव पर स्पीच
साथियों,
नमस्कार, सभी को मेरा अभिवादन
15 अगस्त 2022 को भारत की स्वतंत्रता का 75वां वर्ष पूरा हो रहा है। यह महोत्सव 15 अगस्त 2023 तक चलेगा। आप सभी को अमृत महोत्सव की अमृत गंगा में स्नान कराने से पहले मैं इन पंक्तियों से बात आरंभ करूंगा या करूंगी....
(देशभक्ति की मनपसंद रचना जो पूरी तरह याद हो)
आजादी के इस अमृत महोत्सव को मनाए जाने के कुछ कारण है।
पहला यह कि भारत को अंग्रेजों की गुलामी से आजादी मिली थी।
दूसरा यह कि देश को स्वतंत्र करने के लिए जिन राष्ट्र सपूतों ने बलिदान दिया और बहुत कष्ट सहे उन्हें याद करने का यह दिन है।
तीसरा यह कि आजादी के 75 वर्ष पूरे हो गए हैं। इन 75 वर्षों में भारत ने क्या उपलब्धियां हासिल की हैं। क्या सपने लेकर हम चले थे कितने पूरे हुए हैं कितने अब भी अधूरे हैं आइए उन पर डालें एक नजर...हम कल बंधी हुई धरती पर खड़े थे आज खुला आकाश है और आने वाले कल की हवाएं हमारे साथ होंगी।
कहते हैं कि जो देश अपना इतिहास भूल जाता है उसका भूगोल भी बदल जाता है और यह हुआ भी है। कई कुर्बानियां व्यर्थ चली गई तब जबकि देश का विभाजन हुआ।
भारत को आजाद कराने के लिए किन-किन चुनौतियों का सामना करना पड़ा और क्या-क्या कुर्बानियां भारत को देनी पड़ी यह आज की युवा पीढ़ी को जानना जरूरी है। साथ ही यह भी कि आने वाले समय में किन चुनौतियों का सामान करना पड़ेगा। वक्त बदल रहा है लेकिन क्या वक्त के साथ हम भी बदल रहे हैं?
भारत ने एक बुरी अर्थव्यवस्था का दौर भी देखा है जब आजादी के बाद भारत को बंटवारा झेलना पड़ा, और भारत चीन के साथ युद्ध लगाना पड़ा। उस समय के बाद भारत की अर्थव्यवस्था पूरी तरह से टूट चुकी थी लेकिन फिर भी लगातार प्रयास के बाद और देश प्रेम के दम पर भारत आज एक बड़ी अर्थव्यवस्था और हर क्षेत्र में विकास वाला देश बन गया है।
आज भारत एक परमाणु शक्ति होने के साथ ही बड़ी सैन्य शक्ति भी है। यही नहीं चांद और मंगल पर मानव रहित मिशन भेजने वाले 5 देशों की सूची में भारत का भी नाम शामिल है यह हर भारतवासी के लिए गर्व की बात है। साथ ही भारत ही एकमात्र ऐसा देश है जिसने बहुत कम खर्चों में मंगल मिशन के पहली बार में ही सफल बनाया। बात की जाए उत्पादन की तो इस मामले में भी भारत ने कई देशों को पीछे छोड़ दिया है।
सबका साथ सबका विकास के नारे के साथ भारत सरकार लगातार अपनी योजनाओं के माध्यम से लोगों तक सेवाएं पहुंचाती रहती है। इससे वर्तमान भारत की तस्वीर बदल गई है। आज भारत को दुनिया सम्मान और आशाभरी नजरों से देख रही है। इन सभी बातों पर ध्यान देना आवश्यक है क्योंकि जब आप इन सभी बातों पर ध्यान देंगे तो आपको गर्व महसूस होगा कि आप भारतवासी हैं और आप भारत जैसे देश में पैदा हुए हैं, इसलिए आजादी का अमृत महोत्सव मनाना बहुत जरूरी है।
(यहां फिर एक कविता/ शेर या वाकया सुनाया जा सकता है)
आजादी का महोत्सव किसी विशेष जाति, धर्म अथवा राज्य नहीं बल्कि संपूर्ण भारत के लिए महत्वपूर्ण है। इस राष्ट्रीय महोत्सव के दौरान सभी सरकारी भवन और घरों पर तिरंगा फहराया जा रहा है और रैलियां भी निकाली जा रही हैं ताकि इसका महत्व लोगों तक पहुंचाया जा सके।
आजादी के अमृत महोत्सव में लोकल फॉर वोकल को बढ़ावा दिया गया। शिक्षा, राजनीति, धर्म उद्योग, संस्कृति सभी जगह अब देश का अंतिम आदमी शामिल हो रहा है।
तमाम विपरीत हालातों के बावजूद हम कह सकते हैं कि यह देश कल भी सुनहरा था, इस देश का आज भी चमकीला है और आने वाला कल भी उजालों से रोशन होगा। हम सब अपने प्रयासों से इसे खूबसूरत और प्रगतिशील बनाएंगे। हम ने सपने बहुत देखे हैं अब हमें सपनों को पूरा करना है। हमें अपने गांवों को उन्नत बनाने के प्रयासों में तेजी लानी होगी हमें अपने युवाओं के हाथों में रोजगार देने होंगे अगर संभव नहीं है तो स्वरोजगार की ललक पैदा करनी होगी।
(यहां फिर एक कविता/ शेर या वाकया सुनाया जा सकता है)
75 साल के भारत को यहां चंद मिनटों में समेटना संभव नहीं है अत: साथियों मैं अपने देश की माटी की कसम खाता/ खाती हूं कि जितना मैंने इस देश से लिया है उससे कई गुना वापिस लौटाऊंगा/लौटाऊंगी। आप भी मेरे साथ यह संकल्प लें और आज के दिन को पूरे जोश व उत्साह के साथ मनाएं।
जय हिन्द, जय भारत, वंदे मातरम...
(यह एक प्रारूप है अमृत महोत्सव पर स्पीच की तैयारी का..इसमें स्पीच देने वाले व्यक्ति को अपने इनपुट अपनी प्रतिभा, ज्ञान और अभिव्यक्ति कौशल के साथ शामिल करना चाहिए।