भारत की पहचान विश्व में एक समृद्ध और शांतिप्रिय राष्ट्र के रूप में होती है। 1947 में अंग्रेजों की बेड़ियों से मुक्त होकर विश्व पटल पर भारत ने अपनी एक अलग पहचान बनाई।
रक्षा से लेकर तकनीक, उद्योग आज भारत सभी क्षेत्रों में किसी से कम नहीं हैं। विकास के हर क्षेत्र में आज भारत की अपनी पहचान है। भारत में ऐसी लाखों विशेषताएं हैं जो भारत को महान बनाती हैं उनमें से जानते हैं कुछ खास बातें...
अहिंसा और शांति का संदेश : विश्व में भारत की पहचान एक शांतिप्रिय देश के रूप में होती है। भारत के इतिहास को देखा जाए तो भारत ने किसी भी देश पर हमला नहीं किया है। ऐसा नहीं है कि भारत सामरिक रूप से कमजोर है।
भारत के पास दुनिया की सर्वश्रेष्ठ सैन्य शक्ति है। भारत के गिनती विश्व के उन चुनिंदा देशों में होती है, जिसके पास आधुनिक हथियार और मिसाइलें हैं। सुपरसोनिक ब्रह्मोस, पृथ्वी, अग्नि, नाग, जैसी मिसाइलें देश के पास हैं, जो चंद सेकंड्स में दुश्मनों के छक्के छुड़ा सकती हैं।
जल, जमीन और आकाश तीनों में भारत की सैन्य शक्ति बहुत मजबूत है। भारत की नीति आक्रामक देश के रूप में नहीं बल्कि शांतिप्रिय देश के रूप में होती है। बुद्ध और गांधी का देश भारत बंदूक से नहीं बातचीत से हर समस्या कर हल करना चाहता है। भारत की इसी कमजोरी का लाभ पड़ोसी देश पाकिस्तान और चीन उठाते रहते हैं।
आगे पढ़ें... योग विद्या का जन्मदाता...
आज जो योग विद्या दुनियाभर में धूम मचा रही है, वह भारत में पिछले पांच हजार वर्षों से मौजूद है। योगविद्या से ही आज दुनिया स्वस्थ रहने का मंत्र सीख रही है। योग का उल्लेख संसार की प्रथम पुस्तक ऋग्वेद में मिलता है। ऋग्वेद को आज से 6 हजार वर्ष पूर्व लिखा गया था लेकिन यह 90 हजार वर्ष से ऋषियों को कंठस्थ था। योगाभ्यास का प्रामाणिक चित्रण लगभग 3000 ईपू सिन्धु घाटी की सभ्यता के समय की मोहरों और मूर्तियों में मिलता है। महर्षि पातंजलि ने योग की बिखरी हुई विद्या को एक क्रम में बांटकर योगसूत्र लिखा। योग पर लिखा गया सर्वप्रथम सुव्यव्यवस्थित ग्रंथ है- योगसूत्र। योगसूत्र को पांतजलि ने 200 ई.पूर्व लिखा था। इसे योग पर लिखी पहली सुव्यवस्थित लिखित प्रमाणिक कृति मानते हैं। हालांकि योग में और भी कई शास्त्र और भाष्य हैं। गुरु मत्स्येंद्र नाथ और उनके शिष्य गोरखनाथ ने योग विद्या को बहुत बढ़ावा दिया।
अगले पन्ने पर, विश्व में पहला ग्रेनाइट मंदिर...
विश्व में पहला ग्रेनाइट मंदिर तमिलनाडु के तंजौर में स्थित है। बृहदेश्वर मंदिर का शिखर ग्रेनाइट के 80 टन के टुकड़ों से बना है। यह भव्य मंदिर राजाराज चोल के राज्य के दौरान केवल 5 वर्ष की अवधि में (985-1012.ए.डी.) बनाया गया था। यह मंदिर वास्तुकला का शानदार उदाहरण है। यह मंदिर पूरी तरह से ग्रेनाइट से बना है गर्भगृह में 8.7 मीटर ऊंचा शिवलिंग विराजित है। दीवारों पर विशाल आकार में इनका चित्रात्मक प्रस्तुतिकरण है और अंदर के मार्ग में दुर्गा, लक्ष्मी, सरस्वती और भिक्षाटन, वीरभद्र कालांतक, नटेश, अर्धनारीश्वर और अलिंगाना रूप में शिव को दर्शाया गया है।
अगले पन्ने पर पढ़ें, भारतीय रेल सबसे बड़ी नियोक्ता...
भारतीय रेल दुनिया की चौथी सबसे बड़ी रेलसेवा है। यह दुनिया में सबसे ज्यादा लोगों को रोजगार प्रदान करने वाला उपक्रम है। भारतीय रेलवे 63,974 किलोमीटर लंबे रेल मार्ग के साथ दुनिया का चौथा सबसे विशाल रेल यातायात नेटवर्क संचालित करता है। भारतीय रेलवे प्रतिदिन 19,000 ट्रेनें संचालित की जाती हैं। भारतीय रेलवे में 10 लाख से ज्यादा लोगों को रोजगार प्रदान किया है। सॉफ्टवेयर का बड़ा निर्यातक : धर्म और अध्यात्म के साथ यहां तकनीकी ज्ञान का भी भंडार है। भारतीय तकनीक का लोहा पूरी दुनिया मानती है। भारत की सॉफ्टवेयर कंपनियां दुनिया के 90 से ज्यादा देशों में निर्यात करती है। इंफोसिस, विप्रो, टाटा कंसल्टेंसी, महिन्द्रा सत्यम, एचसीएल, एलएंडटी जैसी भारतीय कंपनियां सॉफ्टवेयर का निर्यात करती हैं।
अगले पन्ने पर, विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र देश...
सबसे बड़ा लोकतंत्र : भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकत्रांतिक देश है। जनता द्वारा अपने वोट से प्रतिनिधियों का चुनाव करती है, जो उनके लिए नीति-निर्माता होते हैं।