भारत का जन्म लग्न वृषभ है। इस समय गोचर ग्रहों की स्थिति इस प्रकार है- लग्न का स्वामी शुक्र नीचाभीलाषी होकर राहु व बुध के साथ चतुर्थ भाव में है।
इन स्थितियों में जनता में जातिवाद की भावना का प्रबल होती है, नारी जाति पर अपमानजनक टीका-टिप्पणी बढ़ती है, जन-धन के साथ आर्थिक नुकसान भी होता है।
15 अगस्त से पहले 12 अगस्त 2016 तक राहु-गुरु का साथ में होना तथा जनता भाव से गोचरीय भ्रमण देश में विवादों का कारण बना।
15 अगस्त से पहले चतुर्थेश सूर्य एक घर पीछे है, जो राजनीतिक क्षय, जनता के मध्य उपद्रव का कारण बनता है।
शनि-मंगल की युति सप्तम भाव से चल रही है, जो स्त्री पक्ष के लिए ठीक नहीं होती। अष्टम भाव मारक है अत: अकाल मृत्यु का कारण बनता है।
मंगल सप्तम व द्वादशेश भाव का स्वामी है, इसी वजह से बाहरी व्यक्तियों से काफी क्षति भारत को पहुंची है, आतंकवाद से भारतीय सेना को दो-चार होना पड़ा है। भारतीय सेना के जांबाज शहीद हुए हैं। अभी भी जम्मू-कश्मीर के हालात ठीक नहीं हैं।
शनि राज्यभाव व कर्मभाव के साथ-साथ भाग्य का स्वामी भी है, इस वजह से राज्यों में उपद्रव व अकारण राजनीतिक द्वेष बढा है। सत्तापक्ष की सरकारें नहीं बन पाईं।
शनि कर्मभाव का स्वामी होने के कारण रोजगार की स्थिति में भी सुधार नहीं आया, न ही महंगाई पर नियंत्रण रहा। लेकिन 70वें स्वतंत्रता दिवस पर भारत की कुंडली कहती है कि 2016 के अंत तक भारत के सितारे जगमगाएंगे।